Rajasthan Assembly Budget Session 2023: विधानसभा में आज विधायकों के इस्तीफे का मुद्दा गूंजा, सीएम सलाहकार सयंम लोढ़ा के बयान पर मचा बवाल
जयपुर न्यूज डेस्क। आज राजस्थान विधानसभा बजट सत्र के चौथे दिन की शुरूआत एक बार फिर हंगामेदार रहीं है। आज विधानसभा बजट सत्र के चौथे दिन की कार्रवाई में कांग्रेस विधायको के इस्तीफे के मामले पर जोरदार बहस देखने को मिली है और उपनेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ किे खिलाफ विशेषाधिकार हनन प्रस्ताव लाने के मुद्दे पर आज विधानसभा में जमकर हंगामा और तनातनी हुई है। प्रतिपक्ष उपनेता राजेंद्र राठौड़ और स्पीकर सीपी जोशी के बीच में जमकर तनातनी हुई है। इस दौरान करीब 20 मिनट तक सदन में हंगामा हुआ है।
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बता दें कि सीएमअशोक गहलोत समर्थक विधायकों के 25 सितंबर को दिए गए इस्तीफों के मुद्दे को उपनेता राजेंद्र राठौड़ हाईकोर्ट ले गए थे। जिसके चलते सीएम सलाहकार और निर्दलीय विधायक सयंम लोढ़ा ने राजेंद्र राठौड़ के खिलाफ सदन में विशेषाधिकार हनन का प्रस्ताव पेश किया है। आज विधानसभा स्पीकर सीपी जोशी ने संयम लोढ़ा को विशेषाधिकर हनन प्रस्ताव पर बोलने की अनुमति दी है। इसका राजेंद्र राठौड़ ने विरोध किया है। इसी मुद्दे पर तनातनी हुई है। विशेषाधिकार हनन पर अब बाद में फैसला होगा।
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सीएम सलहाकर संयम लोढ़ा को जैसे ही स्पीकर ने बोलने की अनुमति दी। उपनेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ ने विरोध किया। इस पर स्पीकर सीपी जोशी ने कहा- आप मेरे अधिकार को चैलेंज नहीं कर सकते। हाउस नियमों से चलता है और आप वरिष्ठ हैं तो इसका मतलब यह नहीं है की आपके हिसाब से सदन चलाया जाए। आप मुझे डिक्टेट नहीं कर सकते। राजेंद्र राठौड़ ने विधानसभा के प्रक्रिया और कार्य संचालन नियमों का हवाला दिया। स्पीकर ने कहा- नियम 157 के तहत विशेषाधिकार हनन प्रस्ताव लाने का पूरा प्रोसेस दिया हुआ है। मुझे अधिकार है कि मैं इन नियमों के तहत बोलने की अनुमति दे सकता हूं। इन्हीं नियमों के तहत मैंने संयम लोढ़ा को बोलने की अनुमति दी है।

उपनेता राजेंद्र राठौड़ ने कहा है कि आप सीधे ही विशेषाधिकार हनन का मुद्दा उठाने की अनुमति दे रहे हैं। इस पर हमें भी बोलने का मौका मिलना चाहिए। नियम 160 और 161 को भी देखिए। राजेंद्र राठौड़ ने विशेषाधिकार हनन का प्रस्ताव लाने की प्रक्रिया पर नियम कॉट करने की बात कही तो उन्हें स्पीकर ने टोकते हुए कहा कि मंजूरी नहीं दे सकते है। आप सत्तापक्ष की अंदरूनी लड़ाई को ऐसा करके ढक नहीं सकते है। 13 फरवरी को हाईकोर्ट में फैसला आने वाला है और आप विशेषाधिकार पर टुकड़ों में फैस्ला करके क्या साबित करना चाहते हैं। विशेषाधिकार हनन पर टुकड़ों पर फैसला नहीं कर सकते, यह करके आरप सत्तारूढ पार्टी के भीतरी संघर्ष को नहीं ढ़क सकते है।
