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Rajasthan Assembly: राजस्थान विधानसभा में कृषि विभाग तथा पशुपालन एवं मत्स्य विभाग की 51 अरब 103 करोड़ रूपए की अनुदान मांगे हुई पारित

 
Rajasthan Assembly: राजस्थान विधानसभा में कृषि विभाग तथा पशुपालन एवं मत्स्य विभाग की 51 अरब 103 करोड़ रूपए की अनुदान मांगे हुई पारित

जयपुर न्यूज डेस्क। राजस्थान विधानसभा में आज ग्रामीण विकास और पंचायतीराज विभाग की अनुदान मांगों पर चर्चा की जा रहीं है। इससे पहले राजस्थान विधानसभा में मंगलवार को कृषि विभाग तथा पशुपालन एवं मत्स्य विभाग की अनुदान मांगों को चर्चा होने के बाद पारित कर दिया गया। कृषि विभाग की 37 अरब 48 करोड़ 99 लाख 36 हजार रूपये तथा पशुपालन एवं मत्स्य विभाग की 14 अरब 55 करोड़ 48 लाख 27 हजार रूपये की अनुदान मांगें ध्वनिमत से पारित किया गया। इस तरह से कुल मिलाकर इस विभाग की 51 अरब 103 करोड़ 147 लाख 63 हज़ार रूपये की अनुदान मांगें एक दिन में पारित हो गई है।

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कृषि, पशुपालन एवं मत्स्य मंत्री लालचंद कटारिया ने इस दौरान इस क्षेत्र में सरकार की योजनाओं, उपलब्धियों और आगामी कार्ययोजना को लेकर सरकार का पक्ष रखा। इस बीच उन्होंने कई महत्वपूर्ण घोषणाएं भी की है। उन्होंने पंचायत स्तर पर विशेष अभियान चलाने, कृषकों की फसल को सुरक्षित करने के लिए तारबंदी करवाने, लम्पी रोग में दुधारु गोवंश की मृत्यु पर मुआवजा देने, पशु चिकित्सा उप केन्द्रों को पशु चिकित्सालयों में क्रमोन्नत करने, कृषि उपज मंडियों की संख्या में इज़ाफ़ा करने, किसान कलेवा योजना से कृषक और मजदूरों को लाभान्वित किए जाने सहित कई पहलुओं पर अपनी बात रखी और घोषणाएं कीं है।

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कृषि मंत्री ने बताई उपलब्धियां, की घोषणाएं—

01- राजस्थान मिलेट्स उत्पादन में देश मेंअग्रणी है। आने वाले समय में मोटे अनाज की मांग बढ़ने से प्रदेश के किसानों की आमदनी बढेगी। विभाग विलायती बबूल की समस्या से निजात दिलाने के लिए पंचायत स्तर पर विशेष अभियान चलाकर प्रभावित जमीन पर फलदार पौधे लगाएगा।
02- आवारा पशुओं से फसल को बचाने के लिए तारबंदी योजना के अंतर्गत 15 हजार किसानों को अनुदान देकर 45 लाख मीटर की तारबंदी किया जाना प्रस्तावित है।
03- प्रधानमंत्री फसलबीमा योजना के अंतर्गत विगत 4 वर्ष में 11 हजार करोड़ रुपए राशि का राज्यांश भुगतान किया गया है। योजना के तहत अब तक 18 हजार 500 करोड़ रुपए का बीमा क्लेम दिया जा चुका है।
04- सौर ऊर्जा पम्प सेट स्थापना में राजस्थान देश में प्रथम स्थान पर है। अब तक प्रदेश में 97 हजार सोलर पम्प सेट स्थापित किए जा चुके हैं।
05- किसानों की सहूलियत के लिए विभाग द्वारा राज किसान पोर्टल विकसित किया गया है, जिसके माध्यम से आवेदन से लेकर भुगतान तक की समस्त प्रक्रिया ऑनलाइन की गई है। इस पोर्टल पर अब तक 7.50 लाख से ज्यादा आवेदन प्राप्त हुए हैं।
06- सरकार ने प्रदेश में 42 नए कृषि महाविद्यालय खोले हैं। इनमें विद्यार्थी कृषि क्षेत्र से जुड़ी नवीन तकनीकों से सम्बन्धित अध्ययन करेंगे, जिससे आगामी समय में कृषि क्षेत्र में आमूलचूल परिवर्तन देखने को मिलेंगे ।
07- किसान की तरक्की और पशुपालकों को मजबूती देने के लिए 12 मिशन रखे हैं।इन मिशन्स के तहत कृषि एवं पशुपालन क्षेत्र से जुड़े विभिन्न महत्वपूर्ण कार्य प्रस्तावित किए गए हैं।
08- पशुपालकों को चारे पर अनुदान की राशि 2 रुपए से बढ़ाकर 3 रुपए की गई है। वहीं, नेपियर घास पर इस वर्ष 23 करोड़ की राशि व्यय की जाएगी।
09- पशुपालकों के हित में पशुधन बीमा योजना को राज्य सरकार ने पुन: प्रारम्भ किया है। इसी प्रकार लम्पी रोग में दुधारू गोवंश की मृत्यु पर प्रति गाय 40 हजार रुपए मुआवजाराशि की घोषणा की गई है।
10- उष्ट्र संरक्षण योजना मेंराज्य के ऊंट पालकों को आर्थिक सहायता देने के तहत टोडियों के जन्म पर दो किश्तों में कुल 10 हजार रुपए की आर्थिक सहायता दी जा रही है।
11- 215 पशु चिकित्सा उप केन्द्रों को पशुचिकित्सालयों में क्रमोन्नत किया जा चुका है।12- 196 पशु औषधालयों को पशुचिकित्सालयों एवं 3 प्रथम श्रेणी पशु चिकित्सालयों का बहुउद्देश्यीय पशुचिकित्सालयों में क्रमोन्नयन किया गया है।13- 8 नए वेटरनरी कॉलेज खोले जाने की स्वीकृति जारी की जा चुकी है। वहीं, 2 डेयरी साइंस एवं टेक्नोलॉजी कॉलेज खोले गए हैं। एक वेटरनरी विश्वविद्यालय जोबनेर में खोलने की घोषणा की गई है।
14- 900 पशु चिकित्सकों की भर्ती न्यायालय में विचाराधीन है, जिस पर राज्य सरकार उचित कार्यवाही कर रही है।15- झींगापालन को बढ़ावा देने के लिए चूरु में मत्स्य विकास अधिकारी कार्यालय की स्थापना भी की गई है।16- विगत चार वर्षों में स्वतंत्र कृषि उपजमंडियों की संख्या को 144 से बढ़ाकर 165 कर दिया है।
17- राजस्थान कृषि प्रसंस्करण, कृषि व्यवसाय एवं कृषि निर्यात प्रोत्साहन नीति-2019 के अन्तर्गत 1011 इकाइयों की स्थापना की गई, जिसमें 335 करोड़ रूपये काअनुदान दिया गया।
18- वर्ष 2023-24 बजट में इस नीतिके अन्तर्गत कृषि उत्पाद प्रसंस्करण के लिए कृषकों के लिए अनुदान राशि 50 प्रतिशत से बढ़ाकर 75 प्रतिशत एवं गैर कृषकों को 25 प्रतिशत से बढ़ाकर 50 प्रतिशत (अधिकतम1.50 करोड़ रूपये) तक करने की घोषणा की गई है।
19- राजीव गांधी कृषक सहायता योजना के तहत कृषि कार्य करते समय या मण्डी परिसर में कार्यरत मजदूरों के साथ होने वाली दुर्घटनाओं में अब तक 10 हजार 817 लाभार्थियों को 160.74 करोड़ रूपये की सहायता राशि उपलब्ध करवाई गई है।
20- किसान कलेवा योजना के तहत किसानों एवं मजदूरों को 5 रूपये में भोजन की थाली उपलब्ध करवाई जा रही है। जिसमें अब तक 1.32 करोड़ कृषकों और मजदूरों को लाभान्वित किया गयाहै। इस पर 32.90 करोड़ रूपये का अनुदान राज्य सरकार द्वारा वहन किया गया है।