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Pulwama Widows Protest: शहीद रोहिताश लांबा की पत्नी मंजू जाट ने सरकार और पुलिस प्रशासन पर गंभीर आरोप लगाए

 
Pulwama Widows Protest: शहीद रोहिताश लांबा की पत्नी मंजू जाट ने सरकार और पुलिस प्रशासन पर गंभीर आरोप लगाए

जयपुर न्यूज डेस्क। पुलवामा हमले में शहीद हुए राजस्थान के तीन जवानों की वीरांगनाएं अपनी मांगें पूरी होने का इंतजार कर रही हैं। इस बीच शहीद रोहिताश लांबा की पत्नी मंजू जाट ने सरकार और पुलिस प्रशासन पर गंभीर आरोप लगाए है। मंजू जाट ने कहा कि किरोड़ी लाल मीणा जवाब नहीं देते हैं क्योंकि वह बुजुर्ग हैं, जवाब तो हम देंगे हमसे आकर बात तो करें। मंजू जाट ने कहा कि मंत्री शांति धारीवाल ने कहा था कि मैं नाते चली गई हूं, क्या होता है “नाता” क्या प्रूफ है उनके पास, ऐसा कैसे कह दिया इसका जवाब लेकर रहूंगी। उन्होंने कहा कि शांति धारीवाल हमारे सामने आकर बोलते तो पता चलता कि नाते कैसे जाती है।

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उन्होंने कहा कि शांति धारीवाल ने किरोड़ी लाल मीणा के लिए भी आतंकी शब्द का प्रयोग किया है। मंजू ने पूछा कि बाबा आतंकी कैसे है इस बात का जवाब दें। उन्होंने कहा कि जो गरीब और ग्रामीणों का साथ दे रहे हैं उनको आतंकी कहना ठीक नहीं है। हम पर दबाव बनाया जा रहा है कि बयान बदल दो। उन्होंने कहा कि मर जाएंगे लेकिन बयान नहीं बदलेंगे। हमारे साथ अत्याचार हुआ हमें किडनैप किया गया। पुलिस ने हमारे साथ मारपीट की, हम उसका जवाब लेकर रहेंगे और लड़ते रहेंगे, कभी भी पीछे नहीं हटेंगे। वीरांगना ने कहा कि ये बार-बार पैकेज की बात करते हैं और कहते हैं कि 50 लाख दिए, मंजू ने कहा कि अगर वो कहें तो हम उनको 4- 5 करोड़ भी देंगे, लेकिन क्या इंसान लौटा सकते हैं। पहले मुझे अमृतसर हॉस्पिटल ले गए फिर वहां पता लगा कि किरोड़ी लाल मीणा आ सकते हैं, तो फिर मुझे वहां से कोटपूतली रोड पर ले गए। मुझे टूटे-फूटे से एक अज्ञात हॉस्पिटल में रखा गया, मारपीट भी की गई, लेकिन मैंने मेरा फोन नहीं दिया।

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मंजू ने पुलिस पर आरोप लगाते हुए कहा कि ये लोग कहते हैं कि इनके बेहोशी का इंजेक्शन लगा दो और बयान बदला दो। उन्होंने कहा कि मैंने चुपके से पुलिस को ये बोलते हुए सुना है इसलिए हम कोई ट्रीटमेंट नहीं लेंगे। उन्होंने कहा कि पहाड़ों के बीच में एक अस्पताल था, जहां मुझे किडनैप करके रखा गया था। 7 घंटे तक पीने को पानी तक नहीं मिला था। उन्होंने कहा कि हत्या करने वाले को भी इस तरह नहीं उठाया जाता, अगर उठाना था तो हमें दिन में उठाते रात में क्यों उठाया गया, हमें पता भी नहीं चला कि हमारे बच्चे कहां हैं हम कहां हैं। उन्होंने कहा कि हमारे घर वाले रो-रोकर पागल हो गए। बुजुर्ग सास ससुर रो-रोकर परेशान हो गए। जिस कारण उनकी तबीयत खराब हो गई और उन्हे अस्पताल में भर्ती कराना पड़ा। रोते हुए वीरांगना ने कहा शांति धारीवाल पर इतना गुस्सा आ रहा है कि सामने आ जाए तो सिर फोड़ दूं।