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New Districts of Rajasthan: राजस्थान में अब होंगे 50 जिले, सीएम गहलोत ने 19 नए जिलों के गठन के प्रस्ताव को दी मंजूरी

 
New Districts of Rajasthan: राजस्थान में अब होंगे 50 जिले, सीएम गहलोत ने 19 नए जिलों के गठन के प्रस्ताव को दी मंजूरी

जयपुर न्यूज डेस्क। राजस्थान में नए जिलों की मांग पिछले 15 साल से चली आ रही थी। वसुंधरा राजे सरकार के समय 26 जनवरी 2008 को प्रतापगढ़ को 33वां जिला बनाया गया था। तब से प्रदेशभर से करीब 60 जगहों से नए जिले बनाने के प्रस्ताव सरकार को मिल चुके थे। नए जिलों की मांग राजनीतिक रूप से इस कदर पेचीदा हो चुकी थी कि सरकार को रामलुभाया कमेटी की अवधि बार-बार बढ़ानी पड़ी है। लेकिन अब राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने 19 नए जिले और 3 नए संभाग बनाने की घोषणा की है। अब राजस्थान में कुल 50 नए जिले और 10 संभाग होंगे। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने शुक्रवार, 17 मार्च को ये घोषणाएं बजट सत्र के दौरान की हैं।

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विधानसभा में सीएम अशोक गहलोत ने घोषणा करते हुए कहा है कि हमें राज्य में कुछ नए जिलों के गठन की मांगें मिली थीं। हमने इन प्रस्तावों की जांच के लिए एक उच्च स्तरीय समिति का गठन किया था और हमें अंतिम रिपोर्ट मिल गई है... मैं अब राज्य में नए जिलों के गठन की घोषणा करता हूं। इस घोषणा में राजस्थान में अब अनूपगढ़, बालोतरा, ब्यावर, डीग, दूदू, जयपुर उत्तर, जयपुर दक्षिण, जोधपुर पूर्व, जोधपुर पश्चिम, गंगापुर सिटी, केकड़ी, कोटपुतली, बहरोड़, खैरतल, नीमकाथाना, सांचोर, फलोदी, सलुंबर और शाहपुरा नए जिले होंगे। घोषणा में तीन नए संभाग मुख्यालय बनाए गए हैं. सीकर, पाली और बांसवाड़ा. शेखावाटी से सीकर, मारवाड़ से पाली और मेवाड़ के आदिवासी बेल्ट से बांसवाड़ा को संभाग बनाया गया है।

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चुनावों से पहले भाजपा जिन मुद्दों को हवा दे रही, उनको हावी होने से पहले ही सीएम गहलोत ने सभी वर्गों को साधने की उनकी कोशिश को इसी रणनीति का हिस्सा माना जा रहा है। गहलोत लगातार यह दावा कर रहे हैं कि इस बार कांग्रेस फिर से सत्ता में आएगी। वे इस बात को अच्छी तरह से जानते हैं कि किसी भी पार्टी को फिर से सत्ता में आने के लिए सरकार का प्रदर्शन जितना मायने रखता है, उतना ही यह भी जरूरी है कि चुनाव में बड़े वर्गों की नाराजगी काे रोका जाए। यही कारण है कि गहलोत अपनी घोषणाओं में खासकर यह ध्यान रख रहे हैं कि वे ज्यादा से ज्यादा उन बड़े वर्गों पर फोकस रखे जो चुनाव में ज्यादा असर डालते हैं।