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MLA Resignation Case: कांग्रेस विधायको के इस्तीफे मामले में बड़ा खुलासा, 81 विधायकों के इस्तीफे नहीं थे स्वैच्छिक

 
MLA Resignation Case: कांग्रेस विधायको के इस्तीफे मामले में बड़ा खुलासा, 81 विधायकों के इस्तीफे नहीं थे स्वैच्छिक

जयपुर न्यूज डेस्क। राजस्थान कांग्रेस सियासी संकट के बीच विधायक दल की पैरेलल मीटिंग बुलाने के बाद राजस्थान विधानसभा अध्यक्ष के निवास पहुंचकर इस्तीफा देने वाले सीएम अशोक गहलोत समर्थक विधायकों के मामले में चौंकाने वाला खुलासा हुआ है। उपनेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ की याचिका पर सोमवार को हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस पंकज मित्थल की बेंच में सुनवाई हुई, तो विधानसभा सचिव महावीर प्रसाद शर्मा के शपथ पत्र में यह बात उजागर हुई कि 25 सितंबर 2022 को कांग्रेस विधायको ने अपनी मर्जी से इस्तीफे नही दिए थे। राजस्थान विधानसभा सचिव की ओर से हाईकोर्ट में दिए गए हलफनामे में कहा गया है कि 81 विधायकों के इस्तीफे स्वैच्छिक नहीं थे, इसलिए इन्हें मंजूर नहीं किया गया है।

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विधानसभा सचिव महावीर शर्मा ने पेश जवाब में कहा कि विधानसभा सदस्यों की प्रक्रिया और कार्य संचालन संबंधी नियम 173(3) के अनुसार इस्तीफे तब तक स्वीकार नहीं किए जा सकते, जब तक उनका स्वैच्छिक और वास्तविक होने का अध्यक्षीय समाधान नहीं हो जाता। इस्तीफों पर लंबे समय तक फैसले नहीं करने पर भी जवाब में विधानसभा अध्यक्ष डॉ.सीपी जोशी की ओर से तर्क दिया गया कि हर विधायक ने अलग-अलग इस्तीफे नहीं दिए थे। सामूहिक रूप से इस्तीफे पेश किए गए थे। इसमें 6 विधायकों ने खुद पेश होकर 81 विधायकों के इस्तीफे दिए थे। 5 विधायकों के इस्तीफे की फोटोकॉपी थी। इसके कारण पूरी संतुष्टि और जांच-पड़ताल के बाद ही फैसला करना जरूरी था।

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विधानसभा अध्यक्ष डॉ. सीपी जोशी ने इस्तीफे वापसी का कारण बताते हुए लिखा कि सभी विधायकों ने अलग-अलग मेरे सामने पेश होकर स्वैच्छिक रूप से इस्तीफे वापस लेने के प्रार्थना-पत्र पेश किए हैं। प्रार्थना पत्रों में यह साफ उल्लेख किया है कि उनके द्वारा पहले दिए गए इस्तीफे स्वैच्छिक नहीं थे। सभी विधायकों ने राजस्थान विधान सभा की प्रक्रिया और कार्य संचालन संबंधी नियम 173 ( 4 ) के अनुसार स्वैच्छिक रूप से अपने इस्तीफे वापस लिए हैं। यह मामला 10 वीं अनुसूची का नहीं, बल्कि मंत्री और विधायकों के इस्तीफों का है। इसलिए इसमें चार सप्ताह में फैसला करने का सुप्रीम कोर्ट का आदेश लागू नहीं होता है।

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बता दें कि 25 सितंबर 2022 को विधानसभा अध्यक्ष डॉ. सीपी जोशी के सामने संसदीय कार्य मंत्री शांति धारीवाल, सरकारी मुख्य सचेतक महेश जोशी, उप मुख्य सचेतक महेंद्र चौधरी, राजस्व मंत्री रामलाल जाट, कांग्रेस विधायक रफीक खान और निर्दलीय विधायक संयम लोढ़ा अपने साथ कुल 81 विधायकों के इस्तीफे लेकर गए थे। इनमें से 5 विधायकों- कांग्रेस विधायक चेतन डूडी, दानिश अबरार, अमित चाचाण, गोपाल मीणा और निर्दलीय विधायक सुरेश टाक के इस्तीफे की फोटो कॉपी दी गई थी।