DOIT Scam: आरोपी वेद प्रकाश की आज एसीबी कोर्ट में पेशी, एसीबी की पूछताछ में किए कई अहम खुलासे
जयपुर न्यूज डेस्क। जयपुर में योजना भवन बेसमेंट में स्थित डीओआईटी ऑफिस की अलमारी में 2.31 करोड़ रुपये और एक किलो सोने की सिल्ली रखने वाला निलंबित ज्वाइंट डायरेक्टर वेद प्रकाश यादव की आ एसीबी कोर्ट में पेशी है। इससे पहले एसीबी ने आरोपी वेदप्रेकाश को 3 दिन के रिमांड पर लिया था। इस दौरान एसीबी की पूछताछ में कई अहम खुलासे किए है। जयपुर में योजना भवन बेसमेंट में में 2.31 करोड़ रुपये और एक किलो सोना रखने वाला निलंबित ज्वाइंट डायरेक्टर वेद प्रकाश यादव हर खरीद में दो प्रतिशत कमीशन लेता था। पूछताछ में उसने एसीबी को बताया कि वह परचेज कमेटी का सदस्य था। इसलिए टेंडर लेने वालों से 2 प्रतिशत कमीशन लेता था।
निलंबित डीओआईटी के ज्वाइंट डायरेक्टर वेद प्रकाश यादव ने दो प्रतिशत कमीशन फिक्स कर रखा था। करोड़ों के टेंडर और ठेकों में उसे दो प्रतिशत के हिसाब से लाखों रुपये मिलते थे। सूत्रों के मुताबिक उसके ऊपर के अफसरों का भी बड़ा कमीशन फिक्स था। जो तीन प्रतिशत, पांच प्रतिशत और 10 प्रतिशत तक था। कुल 20 प्रतिशत तक कमीशन विभाग के आला अफसरों में बंटता था। एसीबी को यह जानकारी है, लेकिन सबूत जुटाने के लिए कई अफसरों पर छापेमारी करनी होगी। उसके लिए हाई लेवल पर मौखिक परमिशन लेनी भी प्रदेश एसीबी की मजबूरी है। डर है तब तक आय से अधिक संपत्ति, पैसा और ज्वेलरी खुर्द-बुर्द न हो जाए, क्योंकि ज्वाइंट डायरेक्टर के पकड़ में आने से अन्य भ्रष्टाचारियों में खलबली मची हुई है। वो अपने बचाव के जतन करने में जुटे हुए हैं।
आरोपी ज्वाइंट डायरेक्टर वेद प्रकाश यादव ने कंप्यूटर प्रिंटर, स्टेशनरी, इलेक्ट्रॉनिक डिस्प्ले एलईडी, ई-मित्र मशीनों की खरीद मामले में दो प्रतिशत कमीशन लिया था। वेद प्रकाश के इस तरह के बयान के बाद अब खरीद कमेटी में शामिल अधिकारियों की भूमिका की जांच की जा रही है। सूत्रों के मुताबिक 5-7 अन्य अधिकारी भी अब एसीबी भी जांच के रडार पर आ गए हैं।