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Rajasthan mansoon 2022: प्रदेश में हो रहीं भारी बारिश से कई जिलों में बाढ़ के हालात, बांधों के गेट खोलने से पूर्वी राजस्थान के कई जिलों में जनजीवन प्रभावित

 
Rajasthan mansoon 2022: मौसम विभाग ने 8 जिलों में किया अति भारी बारिश का अलर्ट जारी, प्रदेश में हो रहीं भारी बारिश से कई जिलों में बाढ़ के हालात

जयपुर न्यूज डेस्क। राजस्थान मानसून अपडेट की खबर में आपको बता दें कि प्रदेश में बारिश का कोटा पूरा हो चुका है और अब राज्य में बोनस की बारिश जारी है। पिछले 24 घंटे में प्रदेश में 4 से 10 इंच बारिश दर्ज की गई है। वहीं प्रदेश में लगात्तार बारिश के दौर को देखते हुए मौसम विभाग ने आज राजस्थान के 8 जिलों में भारी बारिश का अलर्ट जारी किया है। मौसम विभाग ने डूंगरपुर, उदयपुर, बांसवाड़ा, सिरोही, पाली, जालोर, बाड़मेर और जोधपुर में अति भारी बारिश का अलर्ट जारी किया है। राज्य में लगात्तार हो रहीं भारी बारिश से कई जिलों में बाढ़ के हालात भी बनते हुए नजर आएं है।

कोटा में भारी बारिश से बने बाढ़ के हालात, जानिए राजस्थान से जुडी हर छोटी-बड़ी खबर बस 30 सेकंड में

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कोटा और झालावाड़ जिले के मैदानी इलाकों में मूसलाधार बारिश -

राजस्थान के कोटा, झालावाड़ और आसपास के इलाकों में भारी बारिश और बाद में बांधों से अत्यधिक पानी छोड़े जाने से बाढ़ जैसी स्थिति पैदा हो गई है। जिला प्रशासन ने कोटा, झालावाड़ और बूंदी में सरकारी और निजी स्कूलों में मंगलवार को अवकाश घोषित कर दिया। इन जिलों में  सोमवार को भी स्कूल बंद रहे है।  तीनों जिलों में कोटा सबसे ज्यादा प्रभावित है। कोटा में बांध उफन रहे हैं और नदियां किनारों को छोड़कर रौद्ररूप ले रही हैं।  गांधी सागर बांध से भी 3 लाख 45 हजार 574 क्यूसेक पानी की निकासी की जा रही है। वहीं दिन में कोटा बैराज से पानी की निकासी बढ़ाकर 5 लाख तक करने का अलर्ट जारी किया है। फिलहाल नदी में करीब 4.50 लाख क्यूसेक पानी बैराज से छोड़ा जा रहा है। निगम दल निचले इलाकों में लगातार मुनादी के जरिए लोगों को सचेत कर रहे हैं। 

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कोटा के जिला कलेक्टर ओ पी बुनकर ने बताया कि लगभग 3500 लोगों को निचले इलाकों से सुरक्षित स्थानों और अस्थायी आश्रय स्थलों में स्थानांतरित कर दिया गया है क्योंकि निचले इलाकों में पानी में डूब गए हैं। जिला कलेक्टर ओपी बुनकर ने बताया कि अकेले कोटा शहर की कॉलोनियों से 1500 लोगों को सुरक्षित स्थानों पर स्थानांतरित किया गया है और एसडीआरएफ की टीमों को भी काम में लगाया गया है।

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झालावाड़ जिले के मैदानी इलाकों में मूसलाधार बारिश -

मौसम विभाग के मुताबिक पिछले 24 घंटे के दौरान कोटा और झालावाड़ जिले के मैदानी इलाकों में मूसलाधार बारिश दर्ज की गई है। 
मौसम विभाग के अधिकारियों ने बताया कि इस अवधि के दौरान झालावाड़ के डग में सबसे अधिक 234 मिमी और कोटा शहर में 224 मिमी बारिश दर्ज की गई।  विभाग के अनुसार कोटा में 24.7 मिमी बारिश हुई है।  बारां में 25.5 मिमी, बूंदी में 24.4 मिमी और चित्तौड़गढ़ में 24 मिमी दर्ज की गई है। इस दौरान कई अन्य क्षेत्रों में 24 मिमी से कम बारिश दर्ज की गई। डग क्षेत्र में हो रही लगातार बारिश के चलते हैं डग कस्बे में गुप्त गणेश मंदिर पठारी मोहल्ला पर स्थित एक कच्चा मकान ढह गया. जिससे एक ही परिवार के पांच सदस्य घायल हो गए।  पड़ोसियों की मदद से सभी लोगों को बाहर निकालाकर सीएसची अस्पताल में भर्ती कराया गया। चिकित्सकों ने गंभीर रूप से घायल चार लोगों को झालावाड़ रेफर कर दिया। मौसम विभाग ने आज भी कई जिलों में भारी और अति भारी बारिश का अलर्ट जारी किया है। 


बारां ज़िले में भारी बारिश-

वहीं परवन में उफान से बारां-झालावाड़ मेगा हाईवे पर भी आवागमन ठप हो गया। कुंदनपुर क्षेत्र में उजाड़ व कालीसिंध नदी में पानी की आवक से नदी पार बसे एक दर्जन से अधिक गांवों का संपर्क पंचायत मुख्यालय से कट गया है। बारां ज़िले में भारी बारिश से छबड़ा, छीपाबड़ौद और कवाई में बाढ़ जैसे हालात बन गए हैं। भारी बारिश की वजह से कई गांव टापू बन गए हैं। आरएसी और एसडीआरएफ बारां में जबकि झालावाड़ में एनडीआरएफ की टीम जुटी हुई है। इसी तरह के कुछ हालात चित्तौड़गढ़ कस्बे में भी बने हुए हैं।  भारी बारिश के चलते गंभीरी और घोसुंडा डैम के फाटक खोलने पड़े जिससे निचले इलाकों में पानी भर गया है। 

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बूंदी जिले में भारी बारिश से बने बाढ़ के हालात-

राजस्थान के कोटा बूंदी में लगातार भारी बारिश के बाद बाढ़ जैसे हालात पैदा हो गए हैं। 30 से अधिक गांव टापू बन चुके हैं। 4 दर्जन से अधिक रास्ते, हाईवे, मेगा हाइवे बंद हो गए हैं। प्रशासन ने जल भराव वाले इलाकों में फंसे लोगों को बचाने के लिए 25 टीमें लगाई है। सोमवार रात तक करीब 700 लोगों को रेस्क्यू किया गया है। प्रदेश के कोटा संभाग में भारी बारिश का दौर सोमवार देर रात तक जारी रहा। कोटा बैराज, कालीसिंध, छापी, भीमसागर और रामगढ़ डैम से भारी निकासी के चलते चार दर्जन से ज्यादा मार्ग बाधित है। हाईवे, मेगा हाईवे बंद हैं। जयपुर - जबलपुर नेशनल हाईवे 52 भी सोमवार को कोटा और बूंदी में बाधित रहा। वहीं ढाई दर्जन गांव टापू बन गए हैं। ग्रामीणों को रेस्क्यू किया जा रहा है।