Rajasthan breaking news: कोटपूतली के पेपर मिल में बड़ा हादसा, पेपर रोल के नीचे दबने से दो महिलाओं की दर्दनाक मौत
जयपुर न्यूज डेस्क। राजस्थान की इस व्कत की बड़ी खबर राजधानी जयपुर से सामने आ रहीं है। राजधानी जयपुर के कोटपूतली थाना इलाके में आज एक पेपर मिल में बड़ा हादसा घटित हो गया है। इस हादसे में दो महिलाओं को दर्दनाक मौत हो गई है। कोटपूतली के केशवाना फैक्ट्री एरिया में यह बड़ा हादसा हुआ है। यहां पनियाला थाना इलाके में कृष्णा पेपर मिल में मशीन रोलर का हुक टूटने से भारी-भरकम पेपर रोल दो महिला मजदूरों पर आ गिरा। पेपर रोल के नीचे दबने से दोनों महिलाओं की मौके पर ही मौत हो गई। घटना के बाद मजदूरों ने काम बंद कर हंगामा कर दिया। मजदूरों ने फैक्ट्री प्रबंधन पर लापरवाही का आरोप लगाया है।
राजधानी जयपुर में नौकरी दिलाने के बहाने महिला के साथ होटल में दुष्कर्म, पुलिस मामले की जांच में जुटी
घटना की सूचना मिलने पर पनियाला थाना पुलिस मौके पर पहुंची और दोनों महिलाओं के शव को बीडीएम अस्पताल की मॉर्च्यूरी में रखवाए। घटना के बाद गुस्साए परिजनों ने मुआवजे की मांग की। शव का पोस्टमार्टम करवाने से परिजनों ने इंकार कर दिया है। जानकारी के अनुसार इस हादसे में प्रेम देवी कोटपूतली के बड़ाबास मोहल्ले की रहने वाली और सुनीता मोहल्ला नागाजी की रहने वाली थी। दोनों कृष्णा पेपर मिल में मजदूरी करती थीं। आज पेपर रोल उठाते समय मशीन का हुक टूट गया। रोल लुढ़कता हुआ सुनीता और प्रेम देवी पर आ गिरा। दोनों पेपर रोल के नीचे दब गईं। मिल में काम कर रहे अन्य मजदूरों ने उन्हें निकालने की भरसक कोशिश की लेकिन जब तक वे महिलाओं को बाहर निकालते तब तक दोनों ने दम तोड़ दिया।
राजस्थान कर्मचारी चयन बोर्ड ने VDO की मुख्य परीक्षा के जारी किए एडमिट कार्ड, इस लिंक का करें यूज
सूचना पर पनियाला पुलिस मौके पर पहुंची और घटना की जानकारी ली। फिलहाल पेपर फैक्ट्री से प्रबंधन के लोग फरार हो गए। फैक्ट्री मैनेजमेंट की ओर से कोई बयान नहीं आया। घटना से गुस्साए परिजनों व ग्रामीणों ने फैक्ट्री प्रबंधन पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए धरना शुरू कर दिया। शव का पोस्टमार्टम कराने से इंकार कर दिया। साथ ही पीड़ित परिवार को उचित मुआवजा दिलाने व फैक्ट्री प्रबंधन के खिलाफ कार्रवाई की मांग की। हादसे के बाद सूचना मिलने पर तहसीलदार सूर्यकांत शर्मा व पुलिस अधिकारी मौके पर पहुंचे और ग्रामीणों से समझाइश की। ग्रामीण अपनी मांग पर अड़े हुए हैं।