Rajasthan Student Union Election: प्रदेश में आज छात्रसंघ चुनाव के मतदान शुरू, राजस्थान यूनिवर्सिटी में एनएसयूआई के प्रत्याशियों में होगा घमासान मुकाबला
जयपुर न्यूज डेस्क। राजस्स्थान में करीब दो साल बाद राजस्थान यूनिवर्सिटी सहित प्रदेश के 15 विश्वविद्यालय और 439 सरकारी महाविद्यालयों में सुबह 8 बजे से छात्रसंघ के लिए मतदान शुरू होगा। प्रदेश के सबसे बड़े और सबसे ज्यादा मतदाताओं वाले राजस्थान विश्वविद्यालय की बात करें तो यहां 91 मतदान केंद्रों पर 20 हजार 770 मतदाता चुनाव में शामिल होंगे। राजस्थान यूनिवर्सिटी छात्र संघ के चार पदों अध्यक्ष, उपाध्यक्ष, महासचिव और संयुक्त सचिव पद के लिए पीजी के स्टूडेंट्स के साथ ही यूजी के स्टूडेंट्स भी अपने मताधिकार का प्रयोग करेंगे।
राजस्थान विश्वविद्यालय के छात्र संघ चुनाव इस समय सबसे ज्यादा रोमांचक बने हुए हैं।आमतौर पर एबीपीपी और एनएसयूआई की मजबूत दावेदारी मानी जाती है, तो वहीं निर्दलीय भी अपना दम दिखाने में कभी पीछे नहीं रहे है। लेकिन लगता है कि इस बार राजस्थान विश्व विद्यालय का छात्र संघ चुनाव किसी छात्र संगठन के बीच नहीं बल्कि कांग्रेस के बीच लड़ा जा रहा है। क्योंकि एनएसयूआई प्रत्याशी रितु बराला चुनावी मैदान में है. तो वहीं कांग्रेस के मंत्री मुरारी लाल मीणा की बेटी निहारिका निर्दलीय के रूप में अध्यक्ष पद पर ताल ठोक रही है। इसके साथ ही विधायक मुकेश भाकर के करीबी माने जाने वाले निर्मल चौधरी भी अध्यक्ष पद पर निर्दलीय के रूप में डटे हुए हैं।
राजस्थान यूनिवर्सिटी छात्र संघ में अध्यक्ष पद पर 6 प्रत्याशी चुनावी मैदान में है। लेकिन प्रदेशभर की नजर इस समय सिर्फ तीन ही छात्र प्रत्याशियों पर टिकी हुई है और वो तीनों ही कहीं ना कहीं कांग्रेस से जुड़े हुए हैं। कांग्रेस के छात्र संगठन एनएसयूआई ने जहां रितु बराला पर भरोसा जताते हुए टिकट दिया है, तो वहीं एनएसयूआई से बागी निहारिका ने तमाम समाज का समर्थन प्राप्त करते हुए इस समय चुनावों में सबसे मजबूत दावेदारों में से एक की भूमिका निभा रही है। हालांकि निर्दलीय के रूप में खड़े हुए निर्मल को भी किसी भी रूप में कम आंकने की गलती कोई उम्मीदवार नहीं कर रहा है।
एनएसयूआई से अध्यक्ष पद प्रत्याशी रितु बराला का कहना है कि पिछले करीब 7 सालों से वो कैम्पस में सक्रिय रूप से संगठन की सेवा कर रही है और इसी का ईनाम उनको टिकट के रूप में मिला है। हालांकि इस बार कई मजबूत दावेदार चुनावी मैदान में है। लेकिन ये चुनाव किसी भी रूप में राजनीतिक नहीं है. ये छात्र संघ के ही चुनाव है। दूसरी ओर निर्दलीय प्रत्याशी निहारिका जोरवाल का कहना है कि संगठन की अनदेखी के बाद निर्दलीय के रूप में चुनाव लड़ने का फैसला लिया है। मंत्री की बेटी होने का मुझे कोई फायदा नहीं मिला है। मैं अपनी मजबूती के दम पर चुनाव लड़ रही हूं। जो अन्य प्रत्याशी हैं उनको राजनीतिक संरक्षण मिल रहा होगा। लेकिन मेरे साथ छात्र मतदाता है और इसी दम पर जीत हासिल करूंगी। वहीं इन दोनों के साथ ही एबीवीपी के प्रत्याक्षी को कड़ी टक्कर देने के लिए निर्दलीय प्रत्याशी निर्मल चौधरी भी चुनावी मैदान में हैं।