Rajasthan Politics: केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने गहलोत सरकार पर साधा निशाना, कहा-युवाओं के भविष्य के साथ खिलवाड़ कर रही सरकार
जयपुर न्यूज डेस्क। राजस्थान में आगामी विधानसभा 2023 के चुनावों से पहले पहले राजनीति गर्म है और लगात्तार आरोप-प्रत्यारोप का दौर जारी है। बीजेपी द्वारा सरकार की कमियां गिनाई जा रही हैं तो, वहीं दूसरी तरफ कांग्रेस विकास का दम भर रही है। ऐसे में एक बार फिर केन्द्रीय जल शक्ति मंत्री गजेन्द्र सिंह शेखावत ने कांग्रेस की गहलोत सरकार पर निशाना साधा है। मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने कोटा में छात्रसंघ अध्यक्ष व कार्यकारीणी के शपथ ग्रहण समारोह में कहा कि शहर में करोड़ों रुपए के हाथी घोड़े लगाए जा रहे हैं लेकिन छात्रों के लिए कॉलेज में बैठने के लिए कमरे नहीं हैं, स्मार्ट क्लास नहीं है। शेखावत ने कहा कि सरकार शिक्षा के नाम पर धोखा दे रही है।
शेखावत ने छात्रसंघ अध्यक्ष मनीष सामरिया के कार्यालय का उद्घाटन किया और उनके साथ कार्यकारिणी को शपथ दिलाई है। इस दौरान उन्होंने स्टूडेंट यूनियन के पदाधिकारियों को सलाह दी कि वे लोकसभा स्पीकर ओम बिरला और यूडीएच मंत्री शांति धारीवाल को शहर में प्रवेश करने न दें। उन्होंने कहा कि उनका विरोध तब तक करें जब तक कि कॉलेज में स्टूडेंट्स के बैठने के लिए पर्याप्त जगह नहीं मिल जाए। गजेंद्र सिंह शेखावत ने गहलोत सरकार पर जमकर निशाना साधा है। उन्होने गहलोत सरकार पर विकास के नाम पर धोखा देने और छात्रों के साथ खिलवाड़ करने का आरोप लगाया है।
केन्द्रीय जल शक्ति मंत्री गजेन्द्र सिंह शेखावत ने कहा कि प्रदेश सरकार विद्यार्थियों यानी देश के भविष्य के साथ खिलवाड़ कर रही है क्योंकि कॉलेजों में स्टूडेंट्स के बैठने के लिए जगह नहीं है। उन्होंने छात्र संघ अध्यक्ष मनीष सामरिया द्वारा कॉलेज भवन में कमरे बनवाने की डिमांड पर ये बात कही है। मनीष ने 8 हजार स्टूडेंट्स के बैठने के लिए कॉलेज बिल्डिंग में कमरों की कमी की बात शेखावत के सामने रखी थी जिसके बाद उन्होंने कहा कि उसके लिए प्रशासन, स्थानीय एमएलए, सांसद को मजबूर करना छात्र शक्ति का काम है। उनसे बात करके चर्चा करें, उन्होंने कहा कि वे अबकी बार जब कोटा आएं तो उन्हें घुसने न दें। शेखावत ने कहा कि चाहे शांति धारीवाल हों या ओम बिरला हों दोनों को कहना पहले कमरे बनाएं उसके बाद में यहां आएं। उन्होंने कहा कि सरकार युवाओं के भविष्य के साथ खिलवाड़ कर रही है इससे ज्यादा दुर्भाग्यपूर्ण कुछ नहीं हो सकता है।