Rajasthan Politics: ईस्टर्न राजस्थान कैनाल प्रोजेक्ट को लेकर सियासत तेज, सीएम गहलोत ने शिवराज चौहान से मांगी मदद
जयपुर न्यूज डेस्क। राजस्थान में ईआरसीपी यानि ईस्टर्न राजस्थान कैनाल प्रोजेक्ट को लेकर सियासत तेज होती दिखाई दे रही है। राजनीतिक हिसाब से इस प्रोजेक्ट के फायदे का आंकलन कर कांग्रेस और बीजेपी दोनों ही अपना सियासी तानाबाना बुनने में लगे हुए हैं. पेयजल के लिहाज से ये प्रोजेक्ट 13 जिलों के लिए जरूरी है। बीजेपी के सांसद किरोड़ी लाल मीणा ने इस योजना को लेकर बड़ा आंदोलन करने की चेतावनी दी है। ऐसे में सीएम गहलोत ने अब मध्यप्रदेश के सीएम शिवराज चौहान से मदद मांगी है।
सीएम अशोक गहलोत ने मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान से बात की है। लेकिन बीजेपी इस परियोजना में तकनीकि खामियों का हवाला देकर विरोध कर रही है। ईस्टर्न राजस्थान कैनाल प्रोजेक्ट को धरातल पर उतारने के लिए अब तक के सबसे महत्वपूर्ण कदम के तहत राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान से बात की है। इस बातचीत के परिणाम भी सकारात्मक दिख रहे हैं। सीएम गहलोत के मुताबिक, शिवराज ने इस मुद्दे को लेकर मुख्यमंत्री स्तर की बैठक करने पर सहमति जताई है।
पूर्वी राजस्थान नहर परियोजना (ERCP) के संबंध में मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान से वार्ता कर उन्हें अवगत करवाया कि 2005 में राजस्थान-मध्य प्रदेश अन्तर्राज्यीय नियंत्रण मण्डल की 13वीं बैठक में लिए गए निर्णय के अनुसार ही ERCP योजना का क्रियान्वयन किया जा रहा है। pic.twitter.com/dkwmJzMkW5
— Ashok Gehlot (@ashokgehlot51) August 9, 2022
मुख्यमंत्री गहलोत ने एक बयान जारी कर कहा कि पूर्वी ईआरसीपी के संबंध में मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान से बात कर उन्हें अवगत कराया कि 2005 में राजस्थान-मध्य प्रदेश अंतरराज्यीय नियंत्रण मंडल की 13वीं बैठक में लिए गए निर्णय के अनुसार ही इस योजना को लागू किया जा रहा है। पहले राजस्थान ने भी मध्य प्रदेश की तरफ से इसी तरह की चंबल और सहायक नदियों पर बनाई गई परियोजनाओं में आपत्ति प्रकट नहीं की थी और मध्य प्रदेश ने उन नदियों पर बांधों का निर्माण कर लिया थ। उन्होंने आगे कहा कि इसी तरह ईआरसीपी पर भी मध्य प्रदेश से सहयोग की उम्मीद है। सीएम गहलोत ने इस प्रोजेक्ट को लेकर उदयपुर संभाग के अपने दौरे में कहा कि कांग्रेस पार्टी एवं उनकी सरकार पूर्वी राजस्थान नहर परियोजना को राष्ट्रीय परियोजना का दर्जा दिलाने की मांग को लेकर केंद्र सरकार पर दबाव बनाए रखेगी।
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सरकारें बदलती हैं तो काम ठप हो जाता हैं। मगर हमारी सरकार आती है तो काम ठप नही होता। हमने रिफाइनरी के ठप पड़े काम को भी दोबारा शुरू किया। अब ईआरसीपी को राष्ट्रीय परियोजना घोषित करवाने के लिए केंद्र सरकार से लगातार मांग कर रहे हैं। pic.twitter.com/N9icqGc3Ia
— Ashok Gehlot (@ashokgehlot51) August 9, 2022
उल्लेखनीय है कि राजस्थान सरकार लगातार ईआरसीपी योजना को राष्ट्रीय परियोजना का दर्जा देने की मांग कर रही है। यह 37,247 करोड़ रुपये की परियोजना है, जिससे राज्य के 13 जिलों-झालावाड़, बारां, कोटा, बूंदी, सवाई माधोपुर, अजमेर, टोंक, जयपुर, दौसा, करौली, अलवर, भरतपुर और धौलपुर को लाभ होगा। इसके लिए गहलोत सरकार ने 10 हजार करोड़ का निवेश करने की घोषणा कर दी है।