Rajasthan Politics: सीएम गहलोत के बयान से आया सियासी भूचाल, कांग्रेस नेता आचार्य प्रमोद कृष्णम ने की सीएम पद से इस्तीफे की मांग
जयपुर न्यूज डेस्क। राजस्थान में सीएम अशोक गहलोत के सचिन पायलट को लेकर दिए बयान से सियासी भूचाल सामने आया है। सीएम गहलोत के इस बयान के बाद राजस्थान कांग्रेस की फूट अब साफ नजर आने लगी है। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और सचिन पायलट के बीच गहमा-गहमी के बाद अब कांग्रेस नेता आचार्य प्रमोद का बयान सामने आया है। आचार्य प्रमोद ने अशोक गहलोत से इस्तीफे की मांग कर दी है।
कांग्रेस नेता आचार्य प्रमोद कृष्णम ने सीएम गहलोत पर निशाना साधते हुए कहा कि सीएम अशोक गहलोत का बयान सचिन पायलट के खिलाफ नहीं है कांग्रेस लीडरशीप के खिलाफ नहीं है, कांग्रेस नेतृत्व के खिलाफ है। मैं माननीय अशोक गहलोत जी से निवेदन करना चाहता हूं कि बड़ा दिल दिखाते हुए कुर्सी छोड़ दें। त्याग पत्र दे दें। वो तो कहते ही थे कि मेरा त्याग पत्र कांग्रेस नेतृत्व के पास रखा हुआ है। आज वक्त आ गया है कांग्रेस को मजबूत करने का तो कांग्रेस को मजबूत करें. थोड़ा बड़ा दिल दिखाएं। कांग्रेस नेता ने आगे कहा, सचिन पायलट कांग्रेस पार्टी का हिस्सा हैं, अडानी के इशारे पर राहुल गांधी जी की पदयात्रा में पलिता लगाने का काम ना करें। राजस्थान का अगला मुख्यमंत्री कौन होगा, इसका फैसला कांग्रेस नेतृत्व मिलकर तय कर लेंगे।
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गद्दार ! pic.twitter.com/CDjY2EDIrg
— Satish Poonia (@DrSatishPoonia) November 24, 2022
इससे पहले मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने एनडीटीवी को दिए इंटरव्यू में कहा कि जिसकी वजह से 34 दिन हमारी पार्टी होटल में बैठी रही, जिसके षड्यंत्र पर सरकार को गिराने की कोशिश की थी, उसमें अमित शाह भी शामिल थे। जब उनसे सवाल किया गया कि फिर भी आलाकमान सचिन पायलट को सीएम बनाना चाहे तो सीएम गहलोत ने कहा कि कैसे बना सकते हैं। जिस आदमी के पास 10 विधायक नहीं हैं, जिसने गद्दारी की हो, जिसको गद्दार नाम दिया हो, उसको कोई भी विधायक स्वीकार नहीं करेंगे। सीएम गहलोत ने कहा कि मैं भी स्वीकार नहीं करूंगा क्योंकि मैं भी भुगत चुका हूं। मैंने 34 दिन होटल में गुजारे हैं। सभी विधायकों ने मेरा साथ दिया। जिनकी बदौलत आज राजस्थान मैं कांग्रेस की सरकार है। मैं उन सभी का शुक्रगुजार हूं। बता दें कि 2020 में सचिन पायलट अपने समर्थक विधायकों के साथ बगावत करके होटल मानेसर में जाकर बैठ गए थे। उस दौरान राजस्थान सरकार अल्पमत में चली गई थी। उस दौरान सीएम अशोक गहलोत ने सचिन पायलट को नाकारा निकम्मा कहा था और अब सचिन पायलट को गद्दार कहा है।