Rajasthan Politics: सीएम अशोक गहलोत आज गुजरात का करेंगे दौरा, कांग्रेस आलाकमान ने दी विधानसभा चुनाव की बड़ी जिम्मेदारी
जयपुर न्यूज डेस्क। राजस्थान और गुजरात में होने वाले आगामी विधानसभा चुनावों में कांग्रेस और बीजेपी पर बड़ी टक्कर दिखाई दे सकती है। इसी के कारण राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत सोमवार को गुजरात का दौरा करेंगे। जहां उनका दो जनसभाएं और रोड शो करने का कार्यक्रम है। आधिकारिक सूत्रों के अनुसार, अशोक गहलोत आज दोपहर बाद जयपुर से गुजरात के अहमदाबाद जाएंगे।सीएम अशोक गहलोत अहमदाबाद में संवाददाता सम्मेलन करेंगे। इसके बाद वह बनासकांठा जिले में जनसभा और रोड शो करेंगे।
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રાજસ્થાન ના યશસ્વી મુખ્યમંત્રી અશોક ગહેલોતજી ની પત્રકારવાર્તા https://t.co/DnTDGGdtMx
— Gujarat Congress (@INCGujarat) October 18, 2022
बता दें, कांग्रेस आलाकमान ने गुजरात में राजस्थान के सीएम अशोक गहलोत को विधानसभा चुनाव के लिए बड़ी जिम्मेदारी दी है। राजस्थान के सीएम गहलोत को गुजरात विधासनसभा के लिए कांग्रेस के आलाकमान ने सीनियर ऑब्जर्वर बनाया है। गुजरात में इस साल के अंत में विधानसभा का चुनाव होना है। इसको लेकर गुजरात में कांग्रेस एक्टिव हो चुकी है। गुजरात में कांग्रेस के आलाकमान ने पिछले विधानसभा चुनाव में सीएम अशोक गहलोत को गुजरात का प्रदेश प्रभारी बनाया था और इस बार सीनियर ऑब्जर्वर बनाया है। पिछले विधानसभा चुनाव में सीएम गहलोत के नेतृत्व में गुजरात में कांग्रेस ने बीजेपी को कड़ी टक्कर दी थी। गुजरात में 2017 के विधानसभा चुनाव में अशोक गहलोत गहलोत कांग्रेस को जीत के काफी करीब ले आये थे। 2017 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने बीजेपी को कड़ी टक्कर दी थी।
गुजरात कांग्रेस प्रभारी डॉ रघु शर्मा, दिल्ली कांग्रेस प्रभारी श्री शक्ति सिंह गोहिल, प्रदेशाध्यक्ष श्री जगदीश ठाकोर, सीएलपी लीडर श्री सुखराम राठवा, पूर्व प्रदेशाध्यक्ष श्री सिद्धार्थ पटेल, गुजरात कांग्रेस के कार्यकारी, AICC प्रभारी सचिवों तथा वरिष्ठ नेताओं के चर्चा की। pic.twitter.com/rcd84TcNLO
— Ashok Gehlot (@ashokgehlot51) October 18, 2022
गुजरात की आबादी में करीब आठ प्रतिशत की संख्या रखने वाले दलित लोग भले ही आंकड़ों के हिसाब से राज्य में प्रभावशाली समुदाय नहीं हैं लेकिन गुजरात विधानसभा चुनावों में उनके वोटों का सत्तारूढ़ बीजेपी, विपक्षी कांग्रेस और आम आदमी पार्टी के बीच बंटवारा हो सकता है। राजनीतिक पर्यवेक्षकों का मानना है कि सभी राजनीतिक दल इस समुदाय को लुभाने की कोशिशों में जुट हैं क्योंकि राज्य में कुल 182 सीटों में से अनुसूचित जातियों के लिए आरक्षित 13 सीटों के अलावा दलित मतदाता कुछ दर्जनों अन्य सीटों पर भी असर डाल सकते हैं।