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Rajasthan Flagship Scheme: फ्लैगशिप योजनाओं में प्रदर्शन के आधार पर जिलों की रैंकिंग जारी, जनआधार योजना में जयपुर पिछड़ा

 
Rajasthan Flagship Scheme: फ्लैगशिप योजनाओं में प्रदर्शन के आधार पर जिलों की रैंकिंग जारी, जनआधार योजना में जयपुर पिछड़ा

जयपुर न्यूज डेस्क। सीएस उषा शर्मा ने पहली बार राज्य सरकार की फ्लैगशिप योजनाओं में प्रदर्शन के आधार पर जिलों की रैंकिंग जारी की है। इसके तहत रैंकिंग वाली 14 योजनाओं में से 2 योजनाओं में ही राजधानी जयपुर पहले पायदान पर पहुंच पाया है। वहीं कुछ फ्लैगशिप योजनाओं में बूंदी, झालावाड़,टोंक, पाली और बारां जैसे पिछड़े माने जानेवाले जिलों ने बाजी मारी है। सीएस उषा शर्मा ने अपने कामकाज के शुरुआती 2 माह में ही कलेक्टर्स में स्वस्थ प्रतियोगिता विकसित करने के लिए नवाचार किये हैं। इसके तहत फ्लैगशिप योजनाओं में प्रदर्शन के आधार पर जिलों की पहली बार रैंकिंग जारी की गई है।

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शुद्ध के तहत युद्ध अभियान:—
इसमें अलग-अलग मानकों के आधार पर राजधानी जयपुर पहला स्थान पाने में सफल रहा है। वहीं जालोर सबसे निचले यानि 33 वें पायदान पर है। 1 जनवरी से 14 मार्च तक की गई यह रैंकिंग दुकानों के निरीक्षण, कुल दर्ज केसेस, कंपाउंडिंग फीस जमा करने व औसत वजन नपाई जैसे मानकों के आधार पर रखी है। इसमें जालोर के अलावा चित्तौड़गढ़ सवाई माधोपुर जैसलमेर हनुमानगढ़ और प्रतापगढ़ पिछड़े जिलों में रखे जा सकते हैं जबकि जयपुर के साथ उदयपुर अजमेर जोधपुर और अलवर के भिवाड़ी को टॉप 5 में रखा गया है।
निरोगी राजस्थान:—
इस योजना में भीलवाड़ा ने  बाजी मारी है और उसके बाद डूंगरपुर, कोटा, नागौर, प्रतापगढ़ राजसमंद और सिरोही 100 प्रतिशत वेटेज प्रोग्रेस के साथ टॉप पर रखे गए हैं। इस योजना में बाड़मेर सबसे निचले यानि तीसरे पायदान पर है. उसके बाद जैसलमेर, जोधपुर,सवाई माधोपुर और बांसवाड़ा का भी प्रदर्शन खराब है। यह रैंकिंग स्वास्थ्य मित्रों के चयन, उनकी ट्रेनिंग, हर गांव में 2 स्वास्थ्य मित्रों के मानकों के आधार पर की गई है।
मुख्यमंत्री निशुल्क दवा योजना:
इस योजना में झुंझुनू ने औसत संस्थानों को 10 में से दिए अंकों के आधार पर बाजी मारी है. वह 8.30 अंकों के साथ पहले स्थान पर है। उसके बाद बीकानेर दूसरे,हनुमानगढ़ तीसरे,भीलवाड़ा चौथे और गंगानगर पांचवा स्थान पाने में सफल रहा है। इस योजना में बाड़मेर सबसे निचले यानि 33 वें पायदान पर है और चुरु,बारां, करौली, बांसवाड़ा धौलपुर का प्रदर्शन खराब माना गया है। संस्थानों की संख्या, उन्हें दिए गए अधिकतम अंक, 10 में से संस्था को दिए औसत अंक के आधार पर यह रैंकिंग फरवरी 2022 तक की है।

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मुख्यमंत्री निशुल्क जांच योजना:
इस योजना में 54 प्रतिशत लाभान्वितों की संख्या के साथ जालोर पहला स्थान पाने में सफल रहा है. जैसलमेर दूसरे, दौसा तीसरे, चित्तौड़गढ़ चौथे और हनुमानगढ़ पांचवें स्थान पर है। वहीं झालावाड़ 7.26 प्रतिशत लाभान्वितों की संख्या के साथ सबसे निचले यानि 33 वें पायदान पर है. बीकानेर 32 वें, कोटा 31 वें, जोधपुर 30 वें और उदयपुर 29 वे स्थान पर है। फरवरी 2022 तक की यह रैंकिंग कुल ओपीडी-आईपीडी की संख्या, लाभान्वितों की संख्या,लाभान्वितों के प्रतिशत के आधार पर की गई है।
जन आधार नामांकन पेंडेंसी रैंक:—
इसमें 0.69 प्रतिशत पेंडेंसी के साथ सीकर पहले स्थान पर है। धौलपुर दूसरे, जैसलमेर तीसरे, जालोर चौथे और पांचवें पांचवें स्थान पर है। वहीं, राजधानी जयपुर इसमें बुरी तरह पिछड़ते हुए सबसे निचले यानि 33 वें पायदान पर है। अलवर 32 वें, जोधपुर 31 वें,उदयपुर 30 वें और भरतपुर 29 वें स्थान पर है। 
पालनहार योजना:—
इसमें बूंदी पहले व करौली और हनुमानगढ़ संयुक्त रूप से दूसरे स्थान पर हैं. जालोर, भीलवाड़ा और डूंगरपुर ने भी टॉप 5 में जगह बनाई है. तो वही बारां 98.46% उपलब्धि के साथ सबसे निचले 33 वें पायदान पर है. चित्तौड़गढ़ भरतपुर जयपुर और सवाई माधोपुर भी योजना में निचले स्थान पर हैं।