Rajasthan Diwas 2022: राजधानी जयपुर के जवाहर कला केंद्र और अल्बर्ट हॉल में आज राजस्थान दिवस पर आयोजित होंगे विभिन्न कार्यक्रम
जयपुर न्यूज डेस्क। आज प्रदेशभर में राजस्थान दिवस उत्सव के तौर पर मनाया जा रहा है। आज 73वां राजस्थान स्थापना दिवस है। कोरोना के चलते दो वर्ष बाद राजस्थान दिवस पर कोई विशेष समारोह का आयोजन हो रहा है। कोरोना के खौफ के साए में पर्यटन के प्रदेश में सैलानियों की आवक भी कम हुई है। हालांकि, प्रदेश के सैलानी इन कार्यक्रमों में शामिल हो सकेंगे। आज अल्बर्ट हॉल पर शाम 7:00 बजे बेस्ट आफ राजस्थान समारोह रखा गया है जिसमें पहली बार 550 लोग कलाकार एक साथ अपनी प्रस्तुति देंगे और करीब 5 हजार लोग इसे देखने के लिए इसमें शामिल होंगे।
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30 मार्च, 1949 को जोधपुर, जयपुर, जैसलमेर और बीकानेर रियासतों का विलय होकर वृहत्तर राजस्थान संघ बना था। यही राजस्थान की स्थापना का दिन माना जाता है। राजस्थान अपनी आन, बान, शान शौर्य, साहस, कुर्बानी, त्याग और बलिदान तथा वीरता के लिए सम्पूर्ण विश्व में ख्यात है। इसीलिए इंग्लैण्ड के विख्यात कवि किप्लिंग ने लिखा था, दुनिया में अगर कोई ऐसा स्थान है, जहां वीरों की हड्डियां मार्ग की धूल बनी हैं तो वह राजस्थान है। राजस्थान अपनी शानदार संस्कृति व गौरवमयी इतिहास के लिए जाना जाता है। राजस्थान के लोगों को उनके साहस और त्याग के लिए हमेशा याद किया जाता रहा है। राजस्थान के लोग अपनी कड़ी मेहनत के लिए जाने जाते हैं। भौगोलिक विषमताओं और प्राकृतिक चुनौतियों के बावजूद यहां के नागरिकों की दृढ़ इच्छा शक्ति और आपसी सहयोग से प्रदेश का चहुंमुखी विकास हो सका है। राजस्थान में गरीब लोगों की सामाजिक, आर्थिक स्थिति में सुधार, संसाधनों में वृद्धि और राजनीति, व्यवसाय आदि सभी क्षेत्रों में विकास, हमारी खुशहाली के प्रतीक हैं।
राजपूताना कहे जाने वाले राजस्थान का इतिहास गौरवशाली रहा है जिस पर हर प्रदेशवासी को गर्व है। मातृ भूमि की रक्षा एवं परम्पराओं तथा संस्कृति को अक्षुण्ण बनाये रखने में यहां के लोगों ने सदैव पहल की है। राजस्थान की कला, साहित्य और सांस्कृतिक पृष्ठ भूमि विश्व में अपनी अलग पहचान रखती है। 30 मार्च 1949 को राजपूताने के गठन की प्रक्रिया के साथ ही एक नवम्बर 1956 को राजस्थान के एकीकरण की प्रक्रिया पूरी हुई। 30 मार्च को प्रदेशवासी राजस्थान दिवस के रूप में मनाते हैं और अतीत के साथ साथ अपने वर्तमान को याद करते हैं। वर्तमान में राजस्थान में सात सम्भाग, 33 जिले, 352 पंचायत समितियां, 11 हजार 341 ग्राम पंचायतें, 44 हजार 981 आबाद गांव, 213 शहरी निकाय और नगरीय क्षेत्र हैं। यहां विधान सभा की 200 और लोक सभा के 25 सीटें हैं। राज्य की अर्थ व्यवस्था कृषि एवं ग्रामीण आधारित है. कृषि और पशु पालन यहां के निवासियों के मुख्य रोजगार हैं।