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Rajasthan Breaking News: प्रदेश में गेहूं की कीमतों में आ रहा उछाल, आने वाले कुछ महीनों में खाने—पीने की चीजें हो सकती महंगी

 
Rajasthan Breaking News: प्रदेश में गेहूं की कीमतों में आ रहा उछाल, आने वाले कुछ महीनों में खाने—पीने की चीजें हो सकती महंगी

जयपुर न्यूज डेस्क। प्रदेश में लगात्तार मंहगाई की मार बढ़ती जा रहीं है और ऐसे में गेहूं की कीमतों में आ रहा उछाल आने वाले महीनों में मुश्किलें बढ़ा सकता है। गेहूं की कीमतों में आ रही तेजी की एक बड़ा कारण रूस-यूक्रेन संकट के चलते ग्‍लोबल सप्‍लाई बाधित होना और इसके चलते भारत से एक्‍सपोर्ट डिमांड बढ़ना है।वहीं, खरीदारी सीजन में किसान मंडियो में ज्‍यादा भाव के चलते एमएसपी पर हो रही सरकारी खरीद से दूरी बना रहे हैं। गेहूं खरीद के शुरुआती 20 दिनों के आंकड़ों की बात की जाए, तो गेहूं की सरकारी खरीद 27 प्रतिशत कमी आई है।

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इंडस्‍ट्री का कहना है कि गेहूं के दाम बढ़े हैं। अभी लो डिमांड का सीजन है. इसलिए ज्‍यादा असर नहीं दिख रहा है। लेकिन आगे एक से दो महीने में प्राइससिंग में चेंज आएगा। इसका असर ब्रेड, बिस्किट समेत अन्‍य प्रोडक्‍ट्स की कीमतों पर पड़ सकता है। माना जा रहा है कि जियो पॉलिटिकल टेंशन के चलते यूक्रेन-रूस से सप्‍लाई नहीं हो रही है। इसके चलते भारतीय एक्‍सपोर्ट की मांग बढ़ गई है। विदेशी बाजारों में भाव तेजी से बढ़ रहे हैं। इसका फायदा घरेलू किसानों को मिल रहा है। सरकारी खरीद की बात करें, तो 20 अप्रैल तक मध्‍य प्रदेश में 22 लाख टन, यूपी में 0.51 लाख टन, हरियाणा में 32 लाख टन और पंजाब में 55 लाख टन की खरीद हुई है।

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गेहूं खरीद का लक्ष्य इस साल सरकार ने 444 लाख टन रखा है। सरकारी खरीद 20 अप्रैल तक 110 लाख टन रही है जो पिछले साल इस दौरान 135 लाख टन थी। सरकार ने इस सीजन के लिए 2015 रुपये प्रति क्विंटल एमएसपी तय किया है।  मध्‍य प्रदेश में किसानों को 2020-2220 रुपये प्रति क्विंटल और उत्‍तर प्रदेश में 2020-2117 का भाव मंडियों में मिल रहा है। सीजन की शुरुआत में एमएसपी से अच्‍छे भाव के चलते किसान अपनी फसल से अच्छा मुनाफा कमा रहे हैं। राजस्‍थान के साथ ही मध्‍य प्रदेश और गुजरात के किसानों को एमएसपी से 10 फीसदी ज्‍यादा भाव मिल रहा है। वहीं, पंजाब, हरियाणा में किसानों को 5 फीसदी ज्‍यादा मिल रहा है।

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जानकारों के मुताबिक अगर आगे कीमतें बढ़ती हैं, तो सरकारी योजनाओं पर इसका असर नहीं होगा, सरकार के पास पर्याप्‍त बफर स्‍टॉक है। इसलिए सरकारी राशन दुकान या अन्‍य स्‍कीमों पर असर नहीं होगा। सरकार के पास अभी 1.90 करोड़ टन का बफर स्‍टॉक है। जबकि, मानकों के मुताबिक 74 करोड़ टन जरूरत है। इसका मतलब कि सरकार के पास अभी पर्याप्‍त स्‍टॉक है. इसलिए पीडीएस या स्‍कीम में जाने के लिए कोई चिंता नहीं है। लेकिन आने वाले कुछ महीनों में गेहूं की बढ़ी कीमतों के चलते अन्य कई गेहूं से बनने वाली चीजें महंगी होती दिखाई देंगी।