Aapka Rajasthan

Rajasthan Breaking News: कांग्रेस विधायकों के इस्तीफों का मामला पहुंचा राजस्थान हाईकोर्ट, उपनेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ ने हाईकोर्ट में लगाई रिट

 
Rajasthan Breaking News: कांग्रेस विधायकों के इस्तीफों का मामला पहुंचा राजस्थान हाईकोर्ट, उपनेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ ने हाईकोर्ट में लगाई रिट

जयपुर न्यूज डेस्क। राजस्थान की बड़ी खबर में आपको बता दें कि कांग्रेस विधायकों के इस्तीफों का मामला राजस्थान हाईकोर्ट में पहुंच गया है। उपनेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ राजस्थान हाईकोर्ट पहुंचे और इस मामले को लेकर रिट दायर की है। सीपी जोशी को ज्ञापन देते वक्त ही राठौड़ ने मीडिया से कहा था कि यदि विधानसभा अध्यक्ष फैसला नहीं करेंगे तो कानून की शरण में जाएंगे। 25 सितंबर 2022 को कांग्रेस के 91 विधायकों ने विधानसभा अध्यक्ष के निवास पर पहुंचकर सामूहक तौर पर इस्तीफा दिया था। अमित शाह ने भी जयपुर दौरे में विधायकों के इस्तीफों के बारे में पूछा था।  साथ ही इन इस्तीफों को लेकर कानूनी दांव पेच पर भी चर्चा थी। ऐसे में जनहित याचिका में स्वंय राजेंद्र राठौड़ पैरवी करेंगे। अब इस मामले पर हाईकोर्ट खंड पीठ अब जल्द ही सुनवाई कर सकती है। 

सरकार और गुर्जर प्रतिनिधि मंडल के बीच आज तीसरे दौर की वार्ता, तीन मांगों पर बनी सहमति और चौथी मांग पर फंसा पेंच

01

विधानसभा में उपनेता प्रतिपक्ष राजेन्द्र राठौड़ ने कहा कि 91 विधायकों के सामूहिक त्याग पत्र से वर्तमान सरकार सदन का विश्वास खो चुकी है परंतु इसके बावजूद केबिनेट मीटिंग्स कर नीतिगत निर्णय लिये जा रहे है। इस्तीफे स्वीकार नही किये जाने से उत्पन्न घोर संविधानिक विफलता की स्तिथी प्रति दिन उत्पन्न हो रही है जिसे रोकने हेतु न्यायिक हस्तक्षेप करने के लिए स्वयं के द्वारा विधानसभा स्पीकर व सचिव के विरुद्ध एक जनहित याचिका दिनांक 30 नवंबर को प्रस्तुत की गई है ताकि राज्य में 25 सितम्बर से मौजूद संवैधानिक संकट पर स्थिति स्पष्ट हो सके। 

बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा का जयपुर दौरा, बीजेपी की जन आक्रोश रैली का करेंगे शुभारंभ

01

उपनेता प्रतिपक्ष राजेन्द्र राठौड़ ने कहा कि सीट से स्वेच्छा से इस्तीफा दिया जाना एमएलए का अधिकार है। 91 विधायकों से जबरन हस्ताक्षर कराए जाने या उनके त्याग पत्र पर किसी अपराधी द्वारा हस्ताक्षर कूट रचित कर दिए जाने की कोई सूचना अध्यक्ष महोदय के पास नहीं थी।  लिखित में अपने हस्ताक्षरों से व्यक्तिगत रूप से उपस्थित हो कर अध्यक्ष को इस्तीफा पेश किए जाने पर उसे अविलम्ब स्वीकार करना अध्यक्ष के लिए बाध्यकारी है। उपनेता प्रतिपक्ष राजेन्द्र राठौड़ ने कहा कि इस्तीफों पर निर्णय लंबित होने से मंत्रिमंडल के सदस्य अभी भी तबादला उद्योग चलाकर स्थानांतरण की सूचियों पर हस्ताक्षर कर रहे है। विभागीय बैठको में हिस्सा ले रहे हैं और मंत्री के रूप में प्राप्त सुविधाएं भी वापस नहीं लौटा रहे है।