Rajasthan Breaking News: राज्यसभा चुनाव में निर्दलीय उम्मीदवार सुभाष चंद्रा की एंट्री से रोचक हुआ मुकाबला, कांग्रेस का बिगड़ा समीकरण
जयपुर न्यूज डेस्क। राजस्थान की इस वक्त की बड़ी खबर में राजस्थान राज्यसभा चुनाव में सुभाष चंद्रा की एंट्री से मुकाबला रोचक हो गया है। बीजेपी समर्थित निर्दलीय उम्मीदवार सुभाष चंद्रा ने नामांकन दाखिल कर दिया है। राजस्थान की चार राज्यसभा सीटों पर पांच उम्मीदवार आने से सियासी समीकरण पूरी तरह से बदल गए है। कांग्रेस के तीसरे उम्मीदवार की जीत के लिए राह मुश्किल हो गई है। मौजूदा सियासी गणित कांग्रेस के पक्ष में है लेकिन बीजेपी समर्थित सुभाष चंद्रा ने कांग्रेस के लिए मुश्किलें पैदा कर दी है।
कांग्रेस के तीनों प्रत्याशियों ने भरा नामांकन पत्र, सीएम गहलोत और पायलट ने दिया समर्थन पत्र
जब इनको पता है कि ये नहीं जीत सकते तो फिर हॉर्स ट्रेडिंग का सपना देखकर के, योजना बनाकर के आप खड़े कर रहे हो उम्मीदवार को, ये परंपरा राजस्थान में क्यों डाल रहे हो आप? ये मैं पूछना चाहता हूं बीजेपी के नेताओं से... ये माहौल खराब करना चाहते हैं। pic.twitter.com/DkyMIDguf0
— Ashok Gehlot (@ashokgehlot51) May 31, 2022
बीजेपी की चुनौती से निपटने के लिए कांग्रेस ने रणनीति बदली है। कांग्रेस ने जयपुर के एक होटल में विधायकों को प्रशिक्षण के नाम पर बाड़ेबंदी की तैयारी कर ली है। कांग्रेस ने राज्यसभा चुनाव के लिए रणदीप सुरजेवाला, मुकुल वासनिक और प्रमोद तिवारी को उम्मीदवार बनाया है। तीनों ही उम्मीदवार बाहरी है। कांग्रेस विधायक बाहरी उम्मीदवारों को विरोध कर रहे हैं। आज डॉक्टर सुभाष चंद्रा ने विधानसभा पहुंचकर नामांकन दाखिल किया। इस दौरान वसुंधरा राजे, सतीश पूनिया, गुलाबचंद कटारिया और राजेंद्र राठौड़ समेत तमाम वरिष्ठ नेता और विधायक मौजूद रहे है।
आज राजस्थान विधानसभा में राज्यसभा चुनाव प्रत्याशी श्री सुभाष जी चंद्रा एवं श्री घनश्याम जी तिवारी को बधाई एवं शुभकामनाएं प्रेषित की।@subhashchandra #RajyaSabhaElections pic.twitter.com/mC9QhqJBMs
— Satish Poonia (@DrSatishPoonia) May 31, 2022
मौजूदा संख्या बल के हिसाब से बीजेपी एक सीट पर जीत रही है। दूसरी सीट के लिए उसे 11 वोट चाहिए। भाजपा ने घनश्याम तिवाड़ी को राज्यसभा उम्मीदवार बनाया है। सुभाष चंद्रा भी मैदान में है। भाजपा के 71 विधायक हैं। एक सीट जीतने के लिए 41 विधायकों के वोट चाहिए। दो उम्मीदवारों के लिए 82 वोट चाहिए। भाजपा समर्थक दूसरे उम्मीदवार को जीतने के लिए 11 वोट कम पड़ रहे हैं। अगर हनुमान बेनीवाल की पार्टी आरएलपी के 3 विधायकों का सपोर्ट भाजपा को मिलता है तो कुल संख्या 74 हो जाती है। फिर दूसरे उम्मीदवार के लिए 8 वोटों की कमी रहती है।
आपको बता दें कि कांग्रेसी खेमे में सेंध लगाकर 8 वोट का प्रबंध करने पर ही भाजपा समर्थक दूसरा उम्मीदवार जीत सकता है। कांग्रेस के रणनीतिकार कांग्रेस के 108, 13 निर्दलीय, एक आरएलडी, 2 सीपीएम और 2 बीटीपी विधायकों को मिला कर 126 विधायकों के समर्थन का दावा कर रहे हैं। इसलिए मुकाबला बहुत रोचक है। कांग्रेसी खेमे से भाजपा कुछ निर्दलीयों और नाराज कांग्रेस विधायकों में सेंध लगाने के प्रयास में है।