Rajasthan Breaking News: जल्द राजस्थान बनेंगा नशा मुक्त प्रदेश, सीएम गहलोत ने किया एंटी नारकोटिक्स यूनिट का गठन
जयपुर न्यूज डेस्क। राजस्थान की बड़ी खबर में आपको बता दें कि राजस्थान अब जल्द ही नशा मुक्त प्रदेश बनने वाला है। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने राजस्थान को नशा मुक्त बनाने के लिए तीन बड़े फैसले लिए है। उन्होंने नशा मुक्त राजस्थान निदेशालय, एन्टी नारकोटिक्स टास्क फोर्स तथा एन्टी नारकोटिक्स यूनिट के गठन के प्रस्तावों को मंजूरी दे दी है। अब जल्दी ही प्रदेश में नशे के कारोबार पर भी लगाम लगने की उम्मीद है।
'एन्टी नारकोटिक्स टास्क फोर्स' (एएनटीएफ) तथा 'एन्टी नारकोटिक्स यूनिट' (एएनयू) के गठन हेतु प्रस्तावों को मंजूरी प्रदान की है।
— Ashok Gehlot (@ashokgehlot51) September 7, 2022
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प्रदेश में बढ़ते नशे की गतिविधियों से चिंतित मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने अब इस पर लगाम लगाने के लिए तीन बड़े फैसले कर लिए है। मुख्यमंत्री ने प्रदेश में नशीली दवाओं के दुरूपयोग रोकने, नशा पीड़ितों के पुनर्वास एवं जनजागरूकता फैलाने सहित विभिन्न कार्यों के लिए ‘नशा मुक्त राजस्थान निदेशालय‘, ‘एन्टी नारकोटिक्स टास्क फोर्स‘ तथा ‘एन्टी नारकोटिक्स यूनिट‘ के गठन का फैसला किया है। प्रदेश में नशे की बढ़ती समस्या को खत्म करने सहित कई कार्यों के लिए नशा मुक्त राजस्थान निदेशालय का गठन किया जा रहा है। इसमें इसके आयुक्त गृह विभाग के पदेन सचिव होंगे। इस क्षेत्र में कार्य कर रही स्वयंसेवी संस्थाओं के प्रतिनिधि व मनोचिकित्सक, मनोविज्ञानी आदि को सदस्य बनाया जाएगा। साथ ही चिकित्सा, आबकारी, शिक्षा, सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता, पुलिस विभाग, राज्य विधि विज्ञान प्रयोगशाला, सूचना एवं जनसंपर्क निदेशालय के अधिकारी या कर्मचारी शामिल किए जाएंगे। अभी न केवल राजधानी जयपुर में बल्कि पंजाब से लगते सीमावर्ती जिलों में भी नशे का खुला कारोबार हो रहा है। मुख्यमंत्री ने कई रिव्यू मीटिंग में भी नशे के बढ़ते कारोबार को लेकर चिंता जताई थी।
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मुख्यमंत्री ने अतिरिक्त मुख्य सचिव होम की अध्यक्षता में एन्टी नारकोटिक्स टास्क फोर्स का गठन भी किया है। इस टास्क फोर्स में अतिरिक्त महानिदेशक पुलिस, एंटी नारकोटिक्स यूनिट को सदस्य सचिव बनाया गया है। इस फोर्स में 10 सदस्य होंगे। इनमें अतिरिक्त मुख्य सचिव स्कूल शिक्षा, सचिव चिकित्सा स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग, सचिव, सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग, सचिव कृषि विभाग, सचिव आबकारी विभाग, सचिव उच्च शिक्षा, अतिरिक्त महानिदेशक राजस्व आसूचना निदेशालय, राज्य औषधि नियंत्रक राजस्थान, निदेशक राज्य विधि विज्ञान प्रयोगशाला, निदेशक डीआईपीआर है. टास्क फोर्स, नार्को कॉर्डिनेशन सेंटर सचिवालय के रूप में कार्य करेगी। यह एन सी ओ आर डी की विभिन्न बैठकों के निर्णयों की क्रियान्विति सुनिश्चित करेगी।
नशीली दवाओं की तस्करी के खिलाफ कानून लागू करने के लिए रणनीति, उपाय एवं विभिन्न तरीकों को विकसित करना, दुरूपयोग को रोकना, पीड़ितों का पुनर्वास एवं जागरूकता फैलाने जैसे उद्देश्यों के लिए विभिन्न विभाग, सरकारी एजेंसियों एवं पुलिस ईकाईयों के साथ समन्वय स्थापित किया जाएगा। यह फोर्स पुलिस, स्वास्थ्य व अन्य विभागीय अधिकारियों द्वारा दवाओं की तस्करी में लिप्त पाए जाने पर उनके खिलाफ कानूनी कार्यवाही करना सुनिश्चित करेगी। साथ ही विभिन्न विभागों द्वारा नशीली दवाओं के दुरूपयोग से संबंधित आंकड़ों का आंकलन कर आवश्यक फैसलों के लिए राज्य सरकार को सिफारिश करेगी। मुख्यमंत्री ने मादक पदार्थों और नशीली दवाओं की रोकथाम के लिए एसओजी में महानिरीक्षक पुलिस की अध्यक्षता में एंटी नारकोटिक्स यूनिट यानी एएनयू का भी गठन किया है। यह मुख्यतः एंटी नारकोटिक्स एनफोर्समेंट का कार्य करेगी। मुख्यमंत्री के ये तीनो फैसले नशा मुक्त राजस्थान बनाए जाने की दिशा में क्रांतिकारी माने जा रहे है, क्योंकि मुख्यमंत्री नहीं चाहते कि राजस्थान की स्थिति भी उड़ते पंजाब जैसी हो।