Rajasthan Breaking News: सोनिया गांधी के घर को घेरे जाने पर पायलट ने बीजेपी पर साधा निशाना, कहा-केंद्र सरकार के कुशासन में तानाशाही चरम पर
जयपुर न्यूज डेस्क। राजस्थान की इस वक्त की बड़ी खबर में आपको बता दें कि राजस्थान के पूर्व डिप्टी सीएम सचिन पायलट ने सोनिया गांधी और राहुल गांधी के घर को पुलिस द्वारा घेरा जाने पर केंद्र सरकार और पीएम मोदी पर निशाना साधा है। सचिन पायलट ने ट्वीट कर लिखा है कि केंद्र सरकार के कुशासन में तानाशाही चरम पर है। नेशनल हेराल्ड कार्यालय में छापेमारी कर यंग इंडियन का दफ्तर सील करना, सोनिया गांधी और राहुल गांधी के घर को पुलिस द्वारा घेरा जाना सत्य को दबाने का भाजपा का षड्यंत्र है।

इसके अलावा पूर्व डिप्टी सीएम सचिन ने लिखा है कि राष्ट्र निर्माण में कांग्रेस का जो योगदान रहा है, उसे भाजपा अपने इन कुचक्रों से कभी मिटा नहीं सकती है। भाजपा की जन-विरोधी नीतियों, अहंकार और तानाशाही के खिलाफ हम मजबूती से आवाज उठाते रहेंगे। केंद्र सरकार के कुशासन में तानाशाही चरम पर है। उल्लेखनीय है कि सचिन पायलट सोनिया गांधी-राहुल गांधी से ईडी की पूछताछ के मुद्दे पर काफी मुखर रहे हैं। राहुल गांधी सचिन पायलट के धैर्य की तारीफ कर चुके हैं।

राष्ट्र निर्माण में कांग्रेस का जो योगदान रहा है, उसे भाजपा अपने इन कुचक्रों से कभी मिटा नहीं सकती।
— Sachin Pilot (@SachinPilot) August 3, 2022
भाजपा की जन-विरोधी नीतियों, अहंकार और तानाशाही के खिलाफ हम मजबूती से आवाज उठाते रहेंगे।
सचिन पायलट ने कहा कि केंद्र सरकार की नीतियों से बढ़ रही महंगाई, बेरोजगारी एवं आवश्यक वस्तुओं पर मनमानी जीएसटी थोपने के खिलाफ कांग्रेस 5 अगस्त को देशव्यापी प्रदर्शन का निर्णय लिया है। आज इस महंगाई और बेरोजगारी से देश के गरीब एवं मध्यम वर्ग के लोग बुरी तरह परेशान है। केंद्र सरकार की इन नीतियों के खिलाफ कांग्रेस कार्यकर्ताओं के साथ एनजीओ, सामाजिक कार्यकर्ताओं और आमजन को भी भागीदारी निभानी चाहिए। अपने-अपने प्लेटफार्म पर लगातार दबाव बनाना चाहिए। जिससे इस तानाशाही सरकार की सोच पर दबाव पड़े और उन्हें मजबूर होकर आमजन के हित में फैसले लेने पड़े। बता दे कि नेशनल हेराल्ड मामले में ईडी ने आज बड़ी कार्रवाई करते हुए नेशनल हेराल्ड के दफ्तर के एक हिस्से को सील कर दिया और सोनिया गाँधी के घर पर पुलिस का घेरा बना दिया गया है। इससे कांग्रेस नेताओ में भारी आक्रोश देखने को मिला है। इस करवाई का सीएम गहलोत और डोटासरा भी विरोध कर चुके है। उन्होंने इस करवाई को अघोषित आपातकाल बताया है।
