Aapka Rajasthan

Rajasthan Breaking News: राज्य में सड़क दुर्घटनाओं को लेकर परिवहन विभाग की बड़ी लापरवाही, आयोग्य लोगों को दिया जा रहा ड्राइविंग लाइसेंस

 
Rajasthan Breaking News: राज्य में सड़क दुर्घटनाओं को लेकर परिवहन विभाग की बड़ी लापरवाही, आयोग्य लोगों को दिया जा रहा ड्राइविंग लाइसेंस

जयपुर न्यूज डेस्क। राजस्थान की बड़ी खबर में आपको बता दें कि राज्य में बढ़ती सड़क दुर्घटनाओं में को लेकर परिवहन विभाग की बड़ी लापरवाही सामने आई है। प्रदेश में बढ़ती सड़क दुर्घटनाओं का सबसे बड़ा कारण अयोग्य लोगों को ड्राइविंग लाइसेंस मिलना है। योग्य आवेदकों को ही ड्राइविंग लाइसेंस मिले इसके लिए परिवहन विभाग ने सभी आरटीओ कार्यालयों में ऑटोमेटिक ड्राइविंग ट्रेक बनवाए थे, लेकिन एक निजी कंपनी को स्थाई ड्राइविंग लाइसेंस का काम देने के बाद यह ट्रैक भी खानापूर्ति ही साबित हो रहे हैं और ऐसे में अब अयोग्य लोगों को भी लाइसेंस मिल रहें है।

भरतपुर में सैनी समाज ने आरक्षण की मांग को लेकर नेशनल हाई-वे किया जाम, प्रशासन ने सुबह 11 बजे तक किया नेटबंद

02

राजस्थान में सड़क हादसे इन दिनों लगातार बढ़ रहे हैं हर दिन प्रदेश के किसी ना किसी इलाके से सड़क दुर्घटना की खबर आती है जिसमें कई लोग मौत का शिकार बन रहे हैं। प्रदेश के सीएम  अशोक गहलोत ने प्रदेश में बढ़ती सड़क दुर्घटनाओं पर चिंता जता चुके हैं और दो बार परिवहन विभाग के अधिकारियों की बैठक लेकर सड़क हादसों को रोकने के लिए ठोस कार्ययोजना बनाने के निर्देश भी दे चुके हैं। लेकिन ऐसा लगता है कि परिवहन विभाग प्रदेश में हो रही सड़क दुर्घटनाओं को रोकने के लिए बिल्कुल भी गंभीर नहीं है क्योंकि सड़क दुर्घटनाओं का सबसे बड़ा कारण अयोग्य लोगों को ड्राइविंग लाइसेंस मिलना है जो प्रदेश में अभी भी बहुत आसानी से बन रहा है।

जयपुर से बड़ी संख्या में आज दिल्ली पहुंचेगे कांग्रेस के कार्यकर्ता, आज फिर कांग्रेस करेंगी बड़ा प्रदर्शन

01

परिवहन विभाग में लगातार हो रहा निजी करण विभाग को गर्त में ले जाने का काम कर रहा है। फिटनेस सेंटरों में भारी गड़बड़ी के बाद अब ऑटोमेटिक ड्राइविंग ट्रक का काम निजी कंपनी को देने के बाद इसमें भी बड़ी गड़बड़ियां सामने आ रही हैं। अगर जल्दी विभाग ने इस पर लगाम नहीं कसी तो आने वाले दिनों में विभाग का अस्तित्व खतरे में आ सकता है। प्रबंध विभाग ने सड़क सुरक्षा फंड से मोटी राशि खर्च करके 11 प्रादेशिक परिवहन और कई जिला परिवहन कार्यालयों में ऑटोमेटिक ड्राइविंग ट्रैक का निर्माण कराया है लेकिन विभाग ने ऑटोमेटिक ड्राइविंग ट्रैक का संचालन एक ऐसी निजी कंपनी के हाथों में दे दिया है जो नियमों को ताक पर रखकर मिलीभगत करके ड्राइविंग लाइसेंस बना रही है। ऑटोमेटिक ड्राइविंग ट्रैक पर ट्रायल देने के बाद भी अयोग्य लोगों को इसलिए आसानी से लाइसेंस मिल रहा है क्योंकि जिस कंपनी के पास इसका काम है वह कंपनी न तो किसी नियमों की पालना कर रही है और ना ही शिकायतें मिलने के बाद परिवहन विभाग इस कंपनी पर किसी तरह की कोई कार्यवाही कर रहा है।

02

आपको बता दें कि बीते दिनों प्रादेशिक परिवहन कार्यालय कोटा में इस कंपनी का बड़ा गड़बड़झाला सामने आया था जिसमें आवेदकों को बिना सीट बेल्ट लगाए ट्रायल देने के बाद भी ड्राइविंग लाइसेंस जारी करना पार्किंग नियमों की पालना नहीं करने के बाद भी ट्रायल में पास करना जैसी गंभीर गड़बड़ियां पकड़ी गई थी और भी काफी जगह से इस कंपनी को लेकर इसी तरह की शिकायतें परिवहन मुख्यालय को मिली है लेकिन हैरानी की बात है कि अभी तक पर मुख्यालय ने इस कंपनी पर कोई एक्शन नहीं लिया है।