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Rajasthan Breaking News: प्रदेश में बढ़ते लंपी संक्रमण के बीच पशुधन सहायकों ने किया आज से अनिश्चितकालीन अवकाश, सरकार के सामने रखी अपनी 11 सूत्री मांगे

 
Rajasthan Breaking News: प्रदेश में बढ़ते लंपी संक्रमण के बीच पशुधन सहायकों ने किया आज से अनिश्चितकालीन अवकाश, सरकार के सामने रखी अपनी 11 सूत्री मांगे

जयपुर न्यूज डेस्क। राजस्थान की बड़ी खबर में आपको बता दें कि राजस्थान में पशु पालक और किसान पशुओं में फैल रही लम्पी वायरस बीमारी से परेशान हैं तो वहीं आज से पशुधन सहायक अनिश्चितकालीन सामूहिक अवकाश पर चले गए हैं। पशुधन सहायकों का कहना है कि उन्होंने राजस्थान सरकार के पास 11 सूत्रीय मांगे रख रखी हैं जब तक सरकार उनकी मांगें नहीं मान लेती है तब तक सामूहिक अवकाश जारी रहेगा। आज राजस्थान पशु कर्मचारी संघ के आव्हान पर प्रदेशभर के पशुधन सहायकों ने सामूहिक अवकाश की घोषणा कर दी है। इससे प्रदेश में एक बार फिर लंपी वायरस के तेजी से फैलने का खतरा नजर आने लगा है।

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राजधानी जयपुर में आज  एक दर्जन से ज्यादा पशुधन सहायकों ने सामूहिक अवकाश पत्र नोडल प्रभारी को सौंपा है और कहा है कि उन्हें भी इस बात का दुख है कि पशुओं में लम्पी वायरस तेजी से फैल रहा है। लेकिन सरकार की ओर से उनकी मांगे नहीं माने जाने से वह भी हड़ताल पर जाने को मजबूर हैं। पशुधन सहायकों ने पशुधन सहायक का वेतन मान और हार्ड ड्यूटी भत्ता स्वीकृत करने के साथ ही राजस्थान वेटरनरी नर्सिंग काउंसिल की स्थापना किए जाने सहित अन्य मांग कर रखी है। जिनको पूरा कराने के लिए पशुधन सहायक पहले से प्रयासरत हैं। पशुधन सहायकों का कहना है कि पशुपालन विभाग ने राजस्थान पशु चिकित्सा कर्मचारी संघ की 11 सूत्रीय मांगों के निस्तारण के लिए 20 अगस्त को 7 दिवस का समय लिया था, लेकिन इसके बावजूद अभी तक मांगे पूरी नहीं की गई है। जिसके बाद मजबूरन उन्हें अब सामूहिक अवकाश पर जाना पड़ा है। 

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वहीं पशु अस्पताल में आ रहे ग्रामीणों को अस्पताल में ना तो दवाइयां मिल पा रही है और ना ही पशुओं को इलाज मिल पा रहा है। जिसको लेकर ग्रामीणों को भारी समस्या का सामना करना पड़ रहा है। ग्रामीणों का कहना है कि इस समय लम्पी बीमारी से पशु ग्रसित है और आये दिन पशुओं की मौत हो रही है ऐसे में पशु सहायकों को हड़ताल नहीं करनी चाहिए। अगर हड़ताल भी की गई है तो सरकार को इनकी उचित मांगे मानकर पशु पालकों और ग्रामीणों को राहत देना का काम करना चाहिए।