Rajasthan Breaking News: कोविड सहायको ने खून से लिखा सीएम गहलोत को पत्र, धूप में छोटे बच्चों के साथ धरने पर बैठी कई महिलाएं
जयपुर न्यूज डेस्क। राजस्थान की बड़ी खबर में आपको बता दें कि राजधानी जयपुर में आज शहीद स्मारक पर कोविड़ सहायकों का धरना 28वें दिन भी जारी है। कल कोविड सहायको ने गांधीगीरी को अपनाते हुए प्रदर्शन किया था। जिसमें एक कोविड सहायक गांधी बना और तीन ने बंदरों का किरदार निभाया है। साथ अन्य कोविड सहायक घुटनों के बल बैठकर धूप में प्रदर्शन किया है। आज 28वें दिन भी कोविड स्वास्थ्य सहायकों ने आंदोलन को उग्र करते हुए कड़ी चिलचिलाती धूप में प्रदर्शन कर रहें है। अभी सरकार से वार्ता विफल होने के कारण मामले का हल नहीं निकल पा रहा है।
पिछले 28 दिनों से चलने वाला धरना प्रदर्शन अब अपने चरम पर हैं,खून से लिखे पोस्टकार्ड आज सरकार को भेजे जा रहे हैं,शायद “जू रेंगे” #cha #कोविड https://t.co/SmvRegODjE
— Manoj Mathur (@manojmathur_) April 28, 2022
प्रदेश में कोरोना के समय राज्य सरकार ने घर घर दवाइयां वितरित करने, मरीजों का डाटा इकट्ठा करने के लिए कोविड स्वास्थ्य सहायकों की भर्ती की थी। इधर कोविड खत्म हो गया तो सरकार ने इनकी सेवाएं समाप्त कर दी। सरकार के इस फैसले के विरोध में स्वास्थ्य सहायक आंदाेलन पर उतर आए। आंदोलनरत कोविड सहायक 58वें दिन भी शहीद स्मारक पर धरना दे रहे हैं। आंदोलन के दौरान सरकार की ओर वार्ता का निमंत्रण भी मिला है, लेकिन वार्ता के असफल होने इस मामले का अभी कोई हल नहीं निकला है।
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कॉविड स्वास्थ्य सहायकों से खून बहाने पर तुली है राज्य सरकार आज एक बार फिर 1500 #CHA ने खून से मुख्यमंत्री महोदय को पोस्टकार्ड भेजकर अपनी मांगे रखी@CHARajsthan4 @SunitaK46750188 @Sandeep18306611 @ravichawla05 pic.twitter.com/0GlfvdgFr8
— कॉविड स्वास्थ्य सहायक ( CHA)🗨️ (@CHARajsthan4) April 28, 2022
अब कोविड सहायकों ने आंदोलन को उग्र करते हुए तपती धूप में खड़े रहकर गांधीगिरी करते हुए प्रदर्शन किया है। हाथों में पोस्टर लिए कोविड सहायकों ने सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी कर आक्रोश जताया है। कॉविड स्वास्थ्य सहायकों से खून बहाने पर तुली है राज्य सरकार आज एक बार फिर 1500 कोविड स्वास्थ्य सहायको ने खून से मुख्यमंत्री महोदय को पोस्टकार्ड भेजकर अपनी मांगे रखी।

कोविड सहायको के इस प्रदर्शन में बड़ी संख्या में महिलाएं भी शामिल है। कई महिलाएं गर्भवती है और कुछ अपने छोटे बच्चों के साथ इस वक्त धरना स्थल पर बैठी हुई है। काेविड सहायकों ने दोहराया कि जब तक उनकी मांगे नहीं मानी जाती, तब तक वे धरने पर रहेंगे। इस दौरान उनकी जान भी चली जाए तो कोई बात नहीं, यहीं डटे रहेंगे। गर्मी को देखते हुए कोविड सहायकों की भी तबियत खराब हो सकती है। ऐसे में सवाल यह उठ रहा है कि इसका जिम्मेदार कौन होगा।
