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Rajasthan Breaking News: जयपुर मेयर सौम्या गुर्जा पर गिरी गाज, स्वायत शासन ने बर्खास्तगी के जारी किए आदेश

 
Rajasthan Breaking News: जयपुर मेयर सौम्या गुर्जा पर गिरी गाज, स्वायत शासन ने बर्खास्तगी के जारी किए आदेश

जयपुर न्यूज डेस्क। राजस्थान की इस वक्त की बड़ी खबर में आपको जयपुर मेयर सौम्या गुर्जर पर बड़ी गाज गिरी है। न्यायिक जांच में डाॅ. सौम्या गुर्जर को दोषी मानते हुए मेयर और पार्षद पद से बर्खास्तगी के आदेश जारी कर दिए गए है। साथ ही डाॅ. सौम्या गुर्जर को 6  साल के लिए चुनाव लड़ने पर भी पाबंदी लगाई गई है। वहीं, दूसरी तरफ मेयर के पास अब एक ही विकल्प बचा है और वे हाईकोर्ट जाकर न्यायिक जांच को चुनौती दे सकती है। 

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बता दे कि 23 सितम्बर को सुनवाई के बाद सुप्रीम कोर्ट ने अपने आदेशों में सरकार को 2 दिन तक किसी भी तरह की कार्यवाही नहीं करने के लिए कहा था। 25 सितम्बर को वह दो दिन का समय पूरा होने के बाद सरकार कार्यवाही करने के लिए स्वतंत्र कर दिया था। जिसके बाद जयपुर मेयर सौम्या गुर्जर पर बड़ी गाज गिरी है। न्यायिक जांच में डाॅ. सौम्या गुर्जर को दोषी मानते हुए मेयर और पार्षद पद से बर्खास्तगी के आदेश जारी कर दिए गए है। हालांकि लॉ डिपार्टमेंट से जुड़े पूर्व विशेषज्ञों की माने तो कोर्ट के आदेशों में सौम्या गुर्जर को हाईकोर्ट जाने का भी अधिकार है। जयपुर मेयर सौम्या गुर्जर के पास अब केवल हाईकोर्ट जाने का विकल्प बचा है। विधि विशेषज्ञ अशोक सिंह की माने तो सुप्रीम कोर्ट ने जो आदेश जारी किए है उसके तहत मेयर सौम्या गुर्जर न्यायिक जांच की रिपोर्ट को हाईकोर्ट में चैलेंज कर सकती है। यह उनके पास एक विकल्प है। वहीं सरकार के पास भी अधिकार है कि वह न्यायिक जांच की रिपोर्ट के आधार पर आगे कोई भी नियमानुसार कार्यवाही कर सकती है।

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बता दे कि 4 जून 2021 को जयपुर नगर निगम ग्रेटर मुख्यालय में मेयर सौम्या गुर्जर, तत्कालीन कमिश्नर यज्ञमित्र सिंह देव और अन्य पार्षदों के बीच एक बैठक में विवाद हुई। कमिश्नर से पार्षदों और मेयर की हॉट-टॉक हो गई। कमिश्नर बैठक को बीच में छोड़कर जाने लगे। इस दौरान पार्षदों ने उन्हें गेट पर रोक दिया, जिसके बाद विवाद बढ़ गया। कमिश्नर ने पार्षदों पर मारपीट और धक्का-मुक्की करने का तीनों पार्षदों पर आरोप लगाते हुए सरकार को लिखित में शिकायत की और ज्योति नगर थाने में मामला दर्ज करवाया। 5 जून को सरकार ने मामले में हस्तक्षेप करते हुए मेयर सौम्या गुर्जर और पार्षद पारस जैन, अजय सिंह, शंकर शर्मा के खिलाफ मिली शिकायत की जांच स्वायत्त शासन निदेशालय की क्षेत्रिय निदेशक को सौंपी गई। 

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जिसके बाद 23 सितम्बर को सुप्रीम कोर्ट ने मामले की सुनवाई के बाद सरकार को कार्यवाही के लिए स्वतंत्र करते हुए याचिका का निस्तारण कर दिया। न्यायिक जांच में डाॅ. सौम्या गुर्जर को दोषी मानते हुए मेयर और पार्षद पद से बर्खास्तगी के आदेश जारी कर दिए गए है। साथ ही डाॅ. सौम्या गुर्जर को 6  साल के लिए चुनाव लड़ने पर भी पाबंदी लगाई गई है।