Rajasthan Breaking News: जगतपुरा स्थित हरिबाग में पॉवर इंजीनियर्स का अनिश्चितकालीन महापड़ाव, विद्युत आपूर्ति के प्रभावित होने की संभावना
जयपुर न्यूज डेस्क। राजस्थान की बड़ी खबर में आपको बता दें कि बिजली कम्पनियों के कनिष्ठ अभियंताओं की वेतन और एसीपी विसंगति दूर करने संबंधी 185 को-आर्डिनेशन कमेटी की सिफारिश लागू करने की मांग को लेकर पावर इंजीनियर्स एसोसिएशन ऑफ राजस्थान के आह्वान पर सोमवार से कनिष्ठ अभियंता हड़ताल पर चले गए और प्रशासन के साथ वार्ता के विफल होने से पॉवर इंजीनियर्स ने अनिश्चितकालीन महापड़ाव करने की घोषणा कर दी है।
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आज पॉवर इंजीनियर्स के महापड़ाव का दूसरा दिन है और आज जयपुर के जगतपुरा स्थित हरिबाग में पॉवर इंजीनियर्स ने अनिश्चितकालीन महापड़ाव शुरू किया है। इससे जिले में विद्युत आपूर्ति के प्रभावित होने की संभावना बनी हुई है। कई जिलो में हड़ताल के चलते कार्यालयों में कामकाज और विद्युत सप्लाई पर असर पड़ा है। एसई, एक्सईएन ,एईएन व तकनीकी कर्मचारी बिजली आपूर्ति बनाए रखने में जुटे हुए दिखाई दिए है। अजमेर विद्युत वितरण निगम के 11 जिलों में कुल 77.29 प्रतिशत कनिष्ठ अभियंता हड़ताल पर रहे। जबकि फील्ड अभियंताओं की बात करें तो 82.57 प्रतिशत कनिष्ठ अभियंता हड़ताल पर रहे। निगम के 850 में से 657 कनिष्ठ अभियंता अनुपस्थित रहे। केवल 164 कनिष्ठ अभियंता ही उपस्थित रहे है।
निगम के सीकर जिले मेें सर्वाधिक 93 और झुंझुनूं में 92 प्रतिशत कनिष्ठ अभियंता ड्यूटी पर नहीं आए है। अजमेर सिटी सर्किल में 82.14, अजमेर जिला 82.35, भीलवाड़ा 88.73, नागौर 75.53, राजसमंद में 87.80, बांसवाड़ा में 65 प्रतिशत, डूंगरपुर में 74.29, प्रतापगढ़ में 66.67, चित्तौड़गढ़ में 85.42 तथा उदयपुर में 79.55 प्रतिशत कनिष्ठ अभियंता हड़ताल पर रहे। इनके अलावा निगम की मीटर एंव प्रोटेक्शन विंग अजमेर में 55.10 प्रतिशत, उदयपुर में 87.50, सीकर में 76.19, प्रोजेक्ट 76.19, कॉर्पोरेट कार्यालय के 76.19,एसई आईएंडएस से 68.18 प्रतिशत कनिष्ठ अभियंता हड़ताल पर रहे। जबकि निगम की सिविल के सभी कनिष्ठ अभियंता उपस्थित रहे है।
कनिष्ठ अभियंताओं की मांगों पर चर्चा तथा महापड़ाव टालने को लेकर रविवार को पावर इंजीनियर एसोसिएशन ऑफ राजस्थान के प्रतिनिधिमंडल की ऊर्जा मंत्री की अध्यक्षता में प्रमुख सचिव एनर्जी, सीएमडी आरआरवीपीएन की मौजूदगी में हुई वार्ता बेनतीजा रही है। इसके बाद कनिष्ठ अभियंताओं का जयपुर में विद्युत भवन पर महापड़ाव शुरू हो गया। एसोसिएशन के अनुसार ऊर्जा विभाग की को-आर्डिनेशन कमेटी में निर्णय होने के बावजूद विसंगति निवारण करने की सिफारिश राज्य सरकार एवं वित्त विभाग में अटकी हुई है, सरकार कनिष्ठ अभियंताओं की उपेक्षा कर रही है। ऐसे में अब जल्द ही राजस्थान बिजली बोर्ड के अधिकारियों की बैठक में इस मामले पर चर्चा करने की संभावना है।