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Rajasthan Breaking News: ग्रेटर मेयर चुनाव हुआ स्थगित, आज डाॅ. सौम्या गुर्जर दोबारा मेयर का पदभार संभालेंगी

 
Rajasthan Breaking News: ग्रेटर मेयर चुनाव हुआ स्थगित, आज डाॅ. सौम्या गुर्जर दोबारा मेयर का पदभार संभालेंगी

जयपुर न्यूज डेस्क। राजस्थान की बड़ी खबर में आपको बता दें कि जयपुर ग्रेटर मेयर चुनाव स्थगित कर दिया गया है। ऐसे में अब डाॅ. सौम्या गुर्जर दोबारा मेयर का पदभार संभालेंगी। राजस्थान हाईकोर्ट ने सौम्या गुर्जर को राहत देते हुए राज्य सरकार के गत 27 सितंबर के उस आदेश को रद्द कर दिया है, जिसके तहत राज्य सरकार ने सौम्या गुर्जर को ग्रेटर निगम के मेयर पद से बर्खास्त कर दिया था। अदालत ने राज्य सरकार को कहा है कि वह गत 10 अगस्त की न्यायिक जांच रिपोर्ट के आधार पर सौम्या को व्यक्तिगत सुनवाई का मौका देकर नए सिरे से आदेश जारी करे। अदालत ने स्पष्ट किया है कि जब सौम्या को हटाने वाला राज्य सरकार का 27 सितंबर का आदेश ही अब अस्तित्व में नहीं है तो फिर ग्रेटर नगर निगम के मेयर पद के लिए चुनाव करवाए जाने का भी कोई औचित्य नहीं है और ना ही इसके लिए अभी चुनाव हो सकते हैं। 

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सौम्या गुर्जर मामले में बुधवार को बहस अधूरी रहने के कारण अदालत ने मामले की सुनवाई गुरुवार को तय की थी। मामले की सुनवाई के दौरान सुबह करीब 10.40 बजे अदालत ने सौम्या को बिना सुने बर्खास्त करने वाले आदेश पर राज्य के एएजी अनिल मेहता को कहा कि वे सरकार से निर्देश प्राप्त कर बताएं कि वे 27 सितंबर का आदेश वापस ले रहे हैं या अदालत इसे रद्द करे। जस्टिस महेन्द्र गोयल ने यह आदेश सौम्या गुर्जर की याचिका को निस्तारित करते हुए दिए है। 

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वहीं बाद में वापस शुरू हुई सुनवाई के दौरान राज्य सरकार ने कहा कि वह 10 अगस्त की न्यायिक जांच रिपोर्ट के आधार पर याचिकाकर्ता को नोटिस देकर उसे सुनवाई का मौका देते हुए नए सिरे से आदेश जारी करेंगे. ऐसे में याचिका निस्तारित कर दी जाए. जिस पर याचिकाकर्ता की ओर से सीनियर एडवोकेट राजेन्द्र प्रसाद ने कहा कि उन्हें इस पर कोई आपत्ति नहीं है, लेकिन न्यायिक जांच रिपोर्ट के बाद राज्य सरकार की कार्रवाई में प्राकृतिक न्याय सिद्धांत का उल्लंघन हुआ है और याचिकाकर्ता को सुने बिना उसे मेयर पद से बर्खास्त किया है, जो गलत है. इसलिए राज्य सरकार का बर्खास्तगी वाले आदेश को रद्द किया जाए। दरअसल सौम्या ने याचिका में सौम्या गुर्जर ने मेयर पद से हटाने और छह साल के लिए चुनाव लड़ने से अयोग्य करने के साथ ही वार्ड में उप चुनाव करवाए जाने की कार्रवाई को चुनौती दी थी। 

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वहीं बाद में वापस शुरू हुई सुनवाई के दौरान राज्य सरकार ने कहा कि वह 10 अगस्त की न्यायिक जांच रिपोर्ट के आधार पर याचिकाकर्ता को नोटिस देकर उसे सुनवाई का मौका देते हुए नए सिरे से आदेश जारी करेंगे। ऐसे में याचिका निस्तारित कर दी जाए। जिस पर याचिकाकर्ता की ओर से सीनियर एडवोकेट राजेन्द्र प्रसाद ने कहा कि उन्हें इस पर कोई आपत्ति नहीं है, लेकिन न्यायिक जांच रिपोर्ट के बाद राज्य सरकार की कार्रवाई में प्राकृतिक न्याय सिद्धांत का उल्लंघन हुआ है और याचिकाकर्ता को सुने बिना उसे मेयर पद से बर्खास्त किया है, जो गलत है। इसलिए राज्य सरकार का बर्खास्तगी वाले आदेश को रद्द किया जाए। अदालत ने सभी पक्षकारों को सुनकर सौम्या को बर्खास्त करने वाला आदेश रद्द कर दिया।