Rajasthan Breaking News: प्रदेश में नए जिले बनाने की मांग तेज, 26 जनवरी या अगले बजट में सीएम गहलोत कर सकते घोषणा
जयपुर न्यूज डेस्क। राजस्थान की बड़ी खबर में आपको बता दे कि प्रदेश में नए जिले बनाने की मांग तेज होने लगी है और उम्मीद है कि 26 जनवरी या अगले बजट में सीएम अशोक गहलोत नए जिले बनाने की घोषणा कर सकते हैं। इसे लेकर 3 संभाग और एक दर्जन नए जिले बनाने की मांग गंभीरता से चर्चाओं में है। रामलुभाया कमेटी के पास 60 जगहों से जिले बनाने की मांग को लेकर प्रस्ताव आए है और यह कमेटी जल्दी ही अपनी रिपोर्ट सरकार को सौंपने वाली है।
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बता दें कि राजस्थान क्षेत्रफल में देश का सबसे बड़ा राज्य है और बाड़मेर जैसे जिलों की सीमा तो कई राज्यों से कहीं अधिक है। इतना ही नहीं पिछले कुछ सालों में जनसंख्या भी बढ़ी है। सीएम अशोक गहलोत ने रामलुभाया कमेटी को इसे लेकर निर्माण भी किया जिसकी रिपोर्ट जल्द सामने आने वाली है। मौजूदा बजट में नए जिलों और संभागों का ऐलान हो सकता है। छह जगह तो ऐसी है जिन्हें लेकर बालोतरा, ब्यावर, कोटपुतली, डीडवाना और नीम का थाना नाम गंभीर है। जिले बनाने की सियासत इतनी तेज है कि कोटपूतली विधायक और राज्य मंत्री राजेंद्र यादव ने तो मंत्री पद छोड़ने तक का मन बना लिया था। इसके अलावा पचपदरा से कांग्रेस विधायक मदन प्रजापत ने बालोतरा को जिला बनाने की मांग को लेकर नंगे पैर रहने का प्रण ले रखा है।
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प्रदेश में नए जिलों की मांग को लेकर पदयात्राओं और रैलियों ने माहौल को गरमा रखा है। सांभर से जयपुर तक पदयात्राओं का दौर चला और जिला बनाने की मांग की, बड़ी संख्या में लोग पहुंचे। इसके अलावा नीम का थाना के विधायक सुरेश मोदी ने तो अपने निर्वाचन क्षेत्र से लेकर जयपुर तक पदयात्रा निकाल दी और इसमें हजारों लोग जयपुर में पहुंचे। ब्यावर के नेता और लोग भी पीछे नहीं रहे पदयात्रा लेकर जयपुर कूच कर दिया। सीएम अशोक गहलोत के पास तकरीबन 60 से 65 जगहों को जिला बनाने की मांग को लेकर डेलिगेशन मिल चुके है। चर्चा ये भी है कि सीकर, बाड़मेर और बांसवाड़ा को संभाग का दर्जा दिया जा सकता है। अभी जयपुर, जोधपुर, कोटा, अजमेर, बीकानेर, उदयपुर और भरतपुर को ये दर्जा हासिल है। भौगोलिक, जनसंख्या और प्रशासनिक कारणों से संभाग बढ़ाए जा सकते हैं। राजस्थान बड़ा राज्य है लेकिन जिले बढ़ेंगे तो यहां के नागरिकों के साथ ही रोजगार के अवसर बढ़ेंगे और क्षेत्रीय विकास होगा।