Rajasthan Breaking News: प्रतापगढ़ एवं जालोर में मेडिकल कॉलेज के प्रस्तावों को मंजूरी के लिए सीएम गहलोत ने केंद्र सरकार को लिखा पत्र
जयपुर न्यूज डेस्क। राजस्थान की इस वक्त की बड़ी खबर में आपको बता दें कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने केन्द्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री मनसुख मांडविया को पत्र लिखकर प्रतापगढ़ एवं जालोर में राजकीय मेडिकल कॉलेज के प्रस्तावों को शीघ्र मंजूरी देने तथा राजसमन्द जिले के लिए नवीन राजकीय मेडिकल कॉलेज हेतु प्रावधानों में आवश्यक संशोधन करने का आग्रह किया है।

मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने केन्द्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री मनसुख मांडविया को पत्र लिखकर भारत सरकार के स्तर पर लंबित प्रतापगढ़ एवं जालोर जिला मुख्यालयों पर नवीन मेडिकल कॉलेजों की स्थापना के लिए प्रस्तावों को केन्द्रीय प्रवर्तित योजना के तहत स्वीकृति प्रदान करने तथा योजना के प्रावधानों में राजसमन्द जिले के लिए शिथिलता प्रदान करने का अनुरोध किया है। सीएम गहलोत ने पत्र में लिखा है कि राजस्थान के प्रतापगढ़, जालोर एवं राजसमन्द जिले में राजकीय मेडिकल कॉलेज नहीं है। सीएम गहलोत ने पत्र में बताया कि प्रतापगढ़ एवं जालोर जिले की डीपीआर बना कर केन्द्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय के पास पहले ही प्रस्ताव प्रस्तुत कर दिया गया था, परंतु इन प्रस्तावों को अभी तक स्वीकृत नहीं किया गया है।
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मुख्यमंत्री श्री @ashokgehlot51 ने केन्द्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री श्री मनसुख मांडविया को पत्र लिखकर प्रतापगढ़ व जालोर में राजकीय मेडिकल कॉलेज के प्रस्तावों को शीघ्र मंजूरी देने व राजसमन्द के लिए नए राजकीय मेडिकल कॉलेज हेतु प्रावधानों में आवश्यक संशोधन का आग्रह किया। pic.twitter.com/GyUQoxMfxN
— CMO Rajasthan (@RajCMO) April 26, 2022
सीएम गहलोत ने पत्र में लिखा है कि केन्द्रीय प्रवर्तित योजना के प्रावधान के अनुसार नया मेडिकल कॉलेज उन्हीं जिलों में स्वीकृत किया जा सकता है, जहां पहले से कोई सरकारी अथवा निजी मेडिकल कॉलेज स्थापित नहीं हो। इस प्रावधान की वजह से जिस जिले में प्राइवेट कॉलेज है, उस जिले के बच्चों को राजकीय मेडिकल कॉलेज की सुविधा से वंचित होना पड़ता है। वहीं जालोर और प्रतापगढ़ जिले में कोई राजकीय मेडिकल कॉलेज भी नहीं है।

राजसमन्द जिले में निजी क्षेत्र में एक मेडिकल कॉलेज पहले से ही होने के कारण यहां केन्द्रीय प्रवर्तित योजना के प्रावधान के अनुसार राजकीय मेडिकल कॉलेज स्थापित नहीं किया जा सकता है। इस संबंध में राज्य सरकार ने केन्द्रीय प्रवर्तित योजना के संबंधित प्रावधानों की समीक्षा कर आवश्यक संशोधन करने के लिए पहले भी कई पत्रों के माध्यम से आग्रह किया था। सीएम गहलोत ने कहा कि प्राइवेट मेडिकल कॉलेज में शुल्क अधिक होता है एवं प्रत्येक विद्यार्थी इतने ज्यादा शुल्क का भार वहन नहीं कर सकता है।
