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Rajasthan Breaking News: राजधानी जयपुर को सीएम गहलोत ने दी सौगात, एसएमएस अस्पताल में आज रखी IPD टावर की नींव

 
Rajasthan Breaking News: राजधानी जयपुर को सीएम गहलोत ने दी सौगात, एसएमएस अस्पताल में आज रखी IPD टावर की नींव

जयपुर न्यूज डेस्क। राजस्थान की इस वक्त की बड़ी खबर राजधानी जयपुर से सामने आ रहीं है। जहां पर आज सीएम गहलोत ने राजधानी जयपुर को एक बड़ी सौगात दी है। सीएम गहलोत ने आज राजधानी जयपुर के एसएमएस अस्पताल में देश के सबसे बड़े आईपीडी टावर की नीव रखी है। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और यूडीएच मंत्री शांति एसएमएस में आईपीडी टॉवर की आधारशिला रखीं है। 116 मीटर ऊंचे इस आईपीडी टावर में टीचिंग रूम, 20 आईसीयू, 166 आईसीयू बेड, 1200 बेड, 20 ओपीडी, 4 कैथ लैब, 100 ओपीडी रजिस्ट्रेशन काउंटर, दो हेलीपैड और एक मेडिकल शहीद स्मारक बनाया जाएगा।

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राजस्थान के राजधानी जयुपर में देश का सबसे ऊंचा अस्पताल बनेगा। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने आज मंगलवार को इसकी नींव रखीं है। 116 मीटर ऊंचा आईपीडी टावर हेलीपैड की सुविधा वाला प्रदेश का पहला अस्पताल होगा। 24 मंजिला इमारत में मरीजों को एक ही छत के नीचे विश्व स्तरीय चिकित्सा सुविधाएं मिलेंगी। सवाई मान सिंह अस्पताल में बनने वाले 24 मंजिला आईपीडी टॉवर में मरीजों को विश्व स्तरीय चिकित्सा सुविधाएं मिलेंगी। सीएम गहलोत ने आज विधिवत रूप से आईपीडी टावर की नींव रखी। ऐसे में अब जल्द ही इसका निर्माण कार्य पूरा किया जायेंगा। आज आईपीडी टावर के शिलान्यास समारोह में सीएम गहलोत, यूडीएच मंत्री शांति धारीवाल, यूडीएच आयुक्त पवन अरोड़ा और कई अन्य विधायक मौजूद रहें है।

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एसएमएस अस्पताल में बन रहें 116 मीटर ऊंचे इस आईपीडी टावर में टीचिंग रूम, 20 आईसीयू, 166 आईसीयू बेड, 1200 बेड, 20 ओपीडी, 4 कैथ लैब, 100 ओपीडी रजिस्ट्रेशन काउंटर, दो हेलीपैड और एक मेडिकल शहीद स्मारक बनाया जाएगा। इसके साथ ही यहां दिल और गुर्दा सहित अन्य अंगों का प्रत्यारोपण भी किया जा सकेगा। आईपीडी टावर का निर्माण दो चरणों में किया जाएगा। इसके निर्माण की जिम्मेदारी रामा कंस्ट्रक्शन कंपनी को दी गई है। टावर 25660 वर्ग मीटर और 8 लाख वर्ग फिट क्षेत्र में 456.80 करोड़ रुपये में बनाया जाएगा। पहले चरण में 12 मंजिलों का निर्माण किया जाएगा। यह काम 20 महीने में पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है। बाकी का काम दूसरे चरण में होगा। इस परियोजना को पूरा होने में 32 महीने का यानी ढाई साल से ज्यादा का समय लगेगा। टावर में 16 लिफ्ट और एयर एंबुलेंस के लिए छत पर दो हेलीपैड बनाए जाएंगे।