JLF 2023 : जयपुर लिटरेचर फेस्टिवल का आज चौथा दिन, फेस्टिवल में मुगल टेंट बनाने के विवाद पर बीजेपी ने खोला मोर्चा
जयपुर न्यूज डेस्क। मुगल टेंट विवाद के साथ ही जयपुर लिटरेचर फेस्टिवल के चौथे दिन की शुरुआत हो चुकी है। आज होटल क्लार्क्स आमेर में अलग-अलग सेशंस में वरुण गांधी, नंदन नीलेकणी, वीर सांघवी, सिद्धार्थ सेठिया, हरिप्रसाद चौरसिया अपनी बात रखेंगे। आज रात आमेर के गणेश पोल पर सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन किया जाएगा। जहां ट्रेडिशनल कलाकार परफॉर्म करते नजर आएंगे। विवादों से अलग जेएलएफ यंगस्टर्स का पसंदीदा प्लेटफार्म बन गया है। अपनी फेवरेट स्पीकर को सुनने के साथ पॉपुलर बैंड के परफॉर्मेंस भी यूथ को पसंद आ रहे हैं। फेस्टिवल में दुनियाभर से कई सोशल मीडिया इंफ्लुएंसर भी पहुंचे हैं। युवाओं को इनका फैशन स्टेटमेंट खासा पसंद आ रहा है।
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जयपुर लिटरेचर फेस्टिवल में मुगल टेंट बनाने के विवाद पर बीजेपी ने मोर्चा खोल दिया है। बीजेपी प्रदेशाध्यक्ष सतीश पूनिया ने कहा है कि अच्छा होता मुगल टेंट का नाम डॉ एपीजे अब्दुल कलाम के नाम पर होता। उपनेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ ने कहा है मुगल की जगह महाराणा प्रताप का नाम भी लिखा जा सकता था। जेएलएफ के ऑर्गनाइजर संजॉय रॉय ने विवाद पर कहा है कि यह नाम डिग्गी पैलेस से चला आ रहा है। इसके बाद कुछ लोग कहेंगे कि दरबार हॉल का नाम भी बदल दिया जाए। यह फेस्टिवल 16 साल से आयोजित हो रहा है। मुगल टेंट का नाम उसके आर्किटेक्चर डिजाइन की वजह से रखा गया था। उस टेंट की डिजाइन वैसी ही रहती है। यह फेस्टिवल जैसा है, वैसा ही चलेगा, इसमें कोई बदलाव नहीं होगा।
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जेएलएफ की शब्दों और साहित्य की महफिल में फैशन के रंग भी गुलजार हो रहे हैं। होटल क्लार्क्स आमेर में आयोजित जयपुर लिटरेचर फेस्टिवल में हजारों की संख्या में यंगस्टर्स हिस्सा बन रहे है। यहां विंटर फैशन का डिफरेंट अंदाज भी लोगों के बीच सुर्खिंयां बटोर रहा है। फेस्टिवल के 16वें संस्करण में 21 भारतीय और 14 अंतर्राष्ट्रीय भाषाओं से ताल्लुक रखने वाले करीब साढ़े तीन सौ स्पीकर शामिल हो रहे हैं। स्पीकर्स और पैनलिस्ट्स में ‘टॉम्ब ऑफ सैंड’ के लिए पिछले साल के अंतर्राष्ट्रीय बुकर पुरस्कार विजेता गीतांजलि, बुकर विजेता बर्नार्डिन एवरिस्टो, गुलजार, पंडित हरिप्रसाद चौरसिया, शोभा डे, शबाना आजमी, जावेद अख्तर, शशि थरूर, आंचल मल्होत्रा, अमीष त्रिपाठी, सुधा मूर्ति, अश्विन सांघी, फिल्म निर्माता ओनिर, नोबेल पुरस्कार विजेता अब्दुल रज्जाक गुरनाह और भारतीय खुफिया ब्यूरो के पूर्व विशेष निदेशक अमरजीत सिंह दुलत जैसे जाने-माने चेहरे शामिल हैं।