BJP Leadership: भाजपा प्रदेशाध्यक्ष डॉ.सतीश पूनिया का राजनैतिक इतिहास, राजस्थान में विपक्ष के रूप में बीजेपी पार्टी को बनाया मजबूत
जयपुर न्यूज डेस्क। देश के पांच राज्यों में हाल ही में हुए विधान सभा चुनावों में 4 राज्यों में जीत के साथ ही भाजपा ने यह बता दिया है कि वर्तमान में बीजेपी को टक्कर देना अन्य पार्टियों के लिए मुश्किल है। राजस्थान में हालांकि कांग्रेस की सरकार है, लेकिन विपक्ष में बैठी बीजेपी सरकार के लिए बड़ी मुश्किले खड़ी करती नजर आई है। राजस्थान में विपक्ष इतना मजबूत है कि कई बार सरकार के गिरने की नौबत तक आ चुकी है। आज के इस लेख में हम आपको बीजेपी लीड़रशिप के अहम नेता और भाजपा प्रदेशाध्यक्ष डॉ. सतीश पूनिया के राजनैतिक इतिहास के बारें में जानकारी दे रहे है। आपको बता दें कि डॉ. सतीश पूनिया बीजेपी के सबसे युवा अध्यक्षों में शुमार हैं और वर्तमान में राजस्थान में बीजेपी पार्टी उनके सानिथ्य में मजबूत विपक्ष के रूप में दिखाई दे रहीं है।
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डॉ. सतीश पूनिया का जन्म 20 दिसंबर 1964 में हुआ था। पूनिया चूरू जिले के एक छोटे से गांव के रहने वाले हैं। उन्होंने विज्ञान में स्नातक के साथ राजस्थान विश्वविद्यालय से बैचलर इन लॉ की डिग्री भी ली है। इसके साथ ही श्रम विधि, अपराध शास्त्र, भारतीय इतिहास और संस्कृत में डिप्लोमा के साथ भूगोल विषय में स्नातकोत्तर की पढ़ाई की है। डॉ. सतीश पूनिया एक भारतीय राजनीतिज्ञ तथा वर्तमान में राजस्थान से भारतीय जनता पार्टी के प्रदेशाध्यक्ष हैं। वे वर्तमान राजस्थान विधानसभा में आमेर विधानसभा क्षेत्र से विधायक हैं। वे भारतीय जनता पार्टी के राजनेता हैं। वे राजस्थान भारतीय जनता युवा मोर्चा के अध्यक्ष रह चुके हैं। राष्ट्रीय स्वयं सेवक रहे सतीश पूनिया 1992 के दौरान भाजपा से जुड़े। उन्होंने साल 1998 में भाजपा युवा मोर्चा, जो कि भाजपा की युवा इकाई है, का अध्यक्ष के तौर नेतृत्व किया। इसके बाद उन्होंने साल 2000 में भाजपा के टिकट पर चुरू जिले की सादुलपुर से चुनाव लड़ा। वर्ष 2013 में उन्होंने जयपुर की आमेर सीट से भाग्य आजमाया, किंतु कुछ वोटों से हार का सामना करना पड़ा। 2018 के विधानसभा चुनाव में आमेर विधानसभा सीट से पहली बार विधायक बनकर राजस्थान की विधानसभा में पहुंचे है।
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इतिहास के झरोखे से देखें तो सतीश पूनिया में कई बरस पहले ही पूर्व मुख्यमंत्री भैंरोसिंह शेखावत ने संभावनाएं देख ली थीं। इन संभावनाओं को शेखावत ने चूरू की जनता के सामने एक चुनाव सभा में जाहिर भी कर दिया था। वह कहा करते थे कि सतीश पूनिया का साथ नहीं देने वाले भविष्य में घाटे में रहेंगे। जब सतीश पूनिया को प्रदेशाध्यक्ष बनाये जाने का ऐलान हुआ तो शेखावत का वह बयान भी कई लोगों को याद आ गया। सतीश पूनिया पचपन साल से भी कम उम्र में बीजेपी के प्रदेशाध्यक्ष बनने वाले पहले नेता बने हैं। उन पर वर्तमान में प्रदेश प्रवक्ता का दायित्व है। बताया जा रहा है कि उनके चयन का आधार सोशल इंजीनियरिंग बना है। डॉ. सतीश पूनिया का बीजेपी पार्टी के लिए अहम योगदान रहा है। उन्होने राजस्थान में विपक्ष को इतना मजबूत बनया है कि सत्तारूढ पार्टी को हर कदम पर कठिनाईयों का सामना करना पड़ा है।