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Rajasthan Politics News: बीजेपी से निष्कासित धौलपुर विधायक शोभारानी कुशवाह सीआईडी-सीबी से मिली राहत,सेशन कोर्ट ने केस चलाने के आदेश रखा बरकरार

 
Rajasthan Politics News: बीजेपी से निष्कासित धौलपुर विधायक शोभारानी कुशवाह सीआईडी-सीबी से मिली राहत,सेशन कोर्ट ने केस चलाने के आदेश रखा बरकरार

धौलुपर न्यूज डेस्क। बीजेपी से निष्कासित धौलपुर विधायक शोभारानी कुशवाह को सीआईडी-सीबी से बड़ी राहत मिलने की खबर सामने आई है। सीआईडी-सीबी मुख्यालय ने पूर्व विधायक बीएल कुशवाह की पत्नी और वर्तमान विधायक शोभारानी कुशवाह को चिटफंड के मामले में क्लीन चिट दी है। हालांकि, अदालत ने केस चलाने के आदेश बरकरार रखे हैं। बता दें, गरिमा रियल एस्टेट एंड एलाइड लिमिटेड नाम पर एक कंपनी का गठन किया गया था। इस कंपनी के शेयर होल्डर सबसे अधिक विधायक शोभारानी कुशवाह और उनके पति बीएल कुशवाह रहे थे। अमुक कंपनी की विधायक शोभारानी कुशवाह निदेशक एवं उनके पति चेयरमैन रहे थे। कंपनी ने लोगों से ब्याज समेत धन वापस करने का वादा किया था। लेकिन कंपनी अपने वादे से मुकर गई और पीड़ितों का भुगतान नहीं किया।

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भरतपुर जिले के कामा क्षेत्र के एक दर्जन से अधिक लोगों की पांच करोड़ से अधिक की राशि वापस नहीं की गई थी। निवेशकों के तगादे से कंपनी ने भरतपुर का ऑफिस भी बंद कर दिया। पीड़ित निवेशकों ने कोर्ट की शरण लेकर मामला दर्ज कराया था। लेकिन पुलिस ने विधायक शोभारानी कुशवाह का नाम निकालकर केवल पति बीएल कुशवाह के खिलाफ कोर्ट में चार्जशीट पेश कर दी। सेशन कोर्ट ने विधायक शोभारानी कुशवाह के खिलाफ ठगी और चिटफंड के मामले में मुकदमा चलाने के आदेश बरकरार रखे हैं। विधायक शोभारानी कुशवाह के वकील देवेंद्र पाल सिंह ने बताया कि एफआईआर में उनका नाम नहीं था। सिर्फ कंपनी के खिलाफ आपराधिक प्रकरण दर्ज कराया गया था। पूरे प्रकरण को फेस कर रहे परिवादी श्यामबाबू शर्मा ने बताया कि तीन जांच अधिकारियों ने पूरे प्रकरण की लंबे समय तक जांच की है। तीनों अधिकारियों ने अनुसंधान में विधायक शोभारानी कुशवाह को दोषी माना है। लेकिन सरकार के रहमों करम पर पुलिस मुख्यालय से विधायक शोभारानी कुशवाह का नाम ठगी और चिटफंड के मामले में पृथक किया है।

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बीजेपी से निष्कासित धौलपुर विधायक शोभारानी कुशवाह को साल 2020 में कांग्रेस में आए सियासी भूचाल के दौरान मुख्यमंत्री अशोक गहलोत का साथ देने पर इनाम मिला है। सीआईडी-सीबी ने करोड़ों की चिटफंड एवं ठगी के मामले में शोभारानी कुशवाह को क्लीन चिट दी है। सात मई को राजाखेड़ा में सभा के दौरान खुले मंच से भी मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने विधायक शोभारानी कुशवाह की तारीफों के पुल बांधे हैं। सात मई को महंगाई राहत कैंप के दौरान राजाखेड़ा विधानसभा क्षेत्र के मरैना कस्बे में हुई मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की सभा देश की सियासत में चर्चा का विषय बन गई। करीब 32 मिनट के भाषण में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के तरकस से निकले तीर ने कांग्रेस और भाजपा दोनों ही दलों के नेताओं को चोटिल कर दिया था। कांग्रेस की गद्दारी वफादारी का जिक्र करने के साथ मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने पूर्व सीएम वसुंधरा राजे, कैलाश मेघवाल और विधायक शोभारानी कुशवाह का भी सियासी संकट के समय साथ देने पर आभार व्यक्त किया। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने खुले मंच से विधायक शोभारानी कुशवाह को बोल्ड लेडी तक बताया था।

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धौलपुर विधानसभा क्षेत्र से बीजेपी के सिंबल पर चुनाव जीती विधायक शोभारानी कुशवाह ने राज्यसभा चुनाव में भाजपा से बगावत की थी। विधायक कुशवाहा ने भाजपा से क्रॉस वोट कर कांग्रेस के प्रमोद तिवारी को राज्यसभा में वोट दिया था। तत्कालीन समय पर भाजपा ने विधायक शोभारानी कुशवाह के खिलाफ कार्रवाई करते हुए उन्हें पार्टी से निष्कासित कर दिया था। भाजपा से निष्कासित होने के बाद विधायक शोभारानी कुशवाह खुलकर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के साथ हो गईं। धौलपुर के जिला प्रशासन में भी उनका जोरदार दबदबा बन गया। हालांकि, विधायक शोभारानी कुशवाह कांग्रेस की संगठन की मीटिंग में अभी तक शामिल नहीं हुई है। राजाखेड़ा में महंगाई राहत कैंप के दौरान मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की सभा में पहली मर्तबा उन्होंने कांग्रेस का मंच साझा किया था।