Dholpur में कारोबारियों ने चंबल से बजरी निकालने को लीगल करने की मांग की, कारोबारियों ने गठित की संघर्ष समिति

धौलपुर न्यूज़ डेस्क,व्यवसायियों ने चंबल से बजरी की निकासी को वैध करने की मांग की है। इसके लिए उन्होंने संघर्ष समिति का गठन किया है। उनका कहना है कि मध्यप्रदेश में राजस्थान सीमा के दो घाटों पर बजरी खनन वैध है तो राजस्थान में क्यों नहीं। सुप्रीम कोर्ट ने चंबल नदी से बजरी निकालने पर पूरी तरह रोक लगा दी है क्योंकि यह घड़ियाल अभ्यारण्य है। चंबल बजरी पर प्रतिबंध के बाद बजरी की रोकथाम के लिए पुलिस लगातार छापेमारी कर रही है।
बजरी कारोबारियों पर पुलिसिया कार्रवाई के बाद धौलपुर नगर परिषद के पूर्व अध्यक्ष रितेश शर्मा ने चंबल की बजरी लाने के लिए संघर्ष समिति के गठन की घोषणा की है. पत्रकार वार्ता के माध्यम से संघर्ष समिति के गठन की घोषणा करते हुए शर्मा ने कहा कि चंबल की बजरी को लेकर जहां मध्य प्रदेश सरकार ने कुछ घाटों को वैध कर उनके लिए टेंडर जारी कर दिए हैं, वहीं राजस्थान में अभी भी चंबल नदी से बजरी निकालने पर रोक है. है। उन्होंने पूर्व अध्यक्ष संघर्ष समिति का गठन करते हुए बताया कि चंबल की बजरी को लेकर मध्यप्रदेश में जो स्थिति है वही राजस्थान में है.
इसके बावजूद राजस्थान सरकार ने अभी तक चंबल बजरी खनन को वैध नहीं किया है, जबकि मध्य प्रदेश सरकार ने राजस्थान सीमा पर दो घाटों को वैध कर दिया है। पूर्व अध्यक्ष ने बजरी व्यापारियों को राहत दिलाने के लिए संघर्ष समिति का गठन किया है और राजस्थान सरकार से उनकी पैरवी करने की मांग की है.