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Devendra Jhajharia: देश में पद्म भूषण पुरस्कार पाने वाले राजस्थान के पहले पैरा खिलाड़ी देवेंद्र झाझड़िया, जाने इनके संघर्ष की कहानी

 
Devendra Jhajharia: पद्म भूषण पुरस्कार पाने वाले देश के पहले पैरा खिलाड़ी देवेंद्र झाझड़िया, जाने इनके संघर्ष की कहानी

चूरू न्यूज डेस्क। राजस्थान में एक से बढ़कर एक महान हस्तियों ने जन्म लिया और अपनी काबिलियत की बदौलत विश्व में अपना नाम किया है। ऐसे में आज के इस लेख में आपको राजस्थान की एक ऐसी श​ख्सियत के बारें में बता रहें है। जिन्होने विभिन्न कठिनाईयों के होते हुए उस मुकाम को हासिल किया है। जो किसी के लिए असंभव हो सकता है। आज के इस लेख में हम आपको पद्म भूषण पुरस्कार पाने वाले देश के पहले पैरा खिलाड़ी देवेंद्र झाझड़िया की जीवनी और कामयाबी के बारें में जानकारी दे रहें है। कल राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने राष्ट्रपति भवन में आयोजित भव्य पद्म सम्मान समारोह में राजस्थान के पैरा- एथलिट, जैवलिन थ्रोअर देवेंद्र झाझरिया को पद्म भूषण से सम्मानित किया है।

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राजस्थान के एक साधारण किसान दंपती रामसिंह और जीवणी देवी के आंगन में 10 जून 1981 को जन्मे देवेंद्र ने सुविधाहीन परिवेश और विपरीत परिस्थितियों को कभी अपने मार्ग की बाधा स्वीकार नहीं किया है। गांव के जोहड़ में एकलव्य की तरह लक्ष्य को समर्पित देवेंद्र ने लकड़ी का भाला बनाकर खुद ही अभ्यास शुरू कर दिया। विधिवत शुरुआत हुई 1995 में स्कूली प्रतियोगिता से कॉलेज में पढ़ते वक्त बंगलौर में राष्ट्रीय खेलों में जैवलिन थ्रो और शॉट पुट में पदक जीतने के बाद तो देवेंद्र ने कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा और इस कामयाबी को प्राप्त किया। साल 1999 में राष्ट्रीय स्तर पर जैवलिन थ्रो में सामान्य वर्ग के साथ कड़े मुकाबले के बावजूद स्वर्ण पदक जीतना देवेंद्र के लिए बड़ी उपलब्धि थी। इस तरह उपलब्धियों का सिलसिला चल पड़ा पर वास्तव में देवेंद्र के ओलंपिक स्वप्न की शुरुआत हुई 2002 के बुसान एशियाड में स्वर्ण पदक जीतने के साथ वर्ष 2003 के ब्रिटिश ओपन खेलों में देवेंद्र ने जैवलिन थ्रो, शॉट पुट और ट्रिपल जंप तीनों स्पर्धाओं में सोने के पदक अपनी झोली में डाले।

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देश के खेल इतिहास में देवेंद्र का नाम उस दिन सुनहरे अक्षरों में लिखा गया, जब उन्होंने 2004 के एथेंस पैरा ओलंपिक में भाला फेंक स्पर्धा में स्वर्ण पदक जीता। इन खेलों में देवेंद्र द्वारा 62.15 मीटर दूर तक भाला फेंक कर विश्व रिकॉर्ड बनाया गया। स्वयं देवेंद्र ने ही रियो में 63.97 मीटर भाला फेंककर ये रिकॉर्ड तोड़ दिया। बाद में देवेंद्र ने वर्ष 2006 में मलेशिया पैरा एशियन गेम में स्वर्ण पदक जीता है। वर्ष 2007 में ताईवान में अयोजित पैरा वर्ल्ड गेम में स्वर्ण पदक जीता और वर्ष 2013 में लियोन में हुई एथलेटिक्स चैंपियनशिप में स्वर्ण पदक देश की दिलाया। भारत सरकार द्वारा खेल उपलब्धियों के लिए देवेंद्र को खेल जगत का सर्वोच्च राजीव गांधी खेल रत्न पुरस्कार दिया गया. इससे पूर्व उन्हें पद्मश्री पुरस्कार, स्पेशल स्पोर्ट्स अवार्ड 2004, अर्जुन अवार्ड 2005, राजस्थान खेल रत्न, महाराणा प्रताप पुरस्कार 2005, मेवाड़ फाउंडेशन के प्रतिष्ठित अरावली सम्मान 2009 सहित अनेक पुरस्कार मिल चुके है।