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Barmer में 10 साल में 86243 महिलाओं की नसबंदी, पुरुष सिर्फ 254

 
Barmer में 10 साल में 86243 महिलाओं की नसबंदी, पुरुष सिर्फ 254

बाड़मेर न्यूज़ डेस्क, बाड़मेर। परिवार नियोजन के लिए महिला नसबंदी सबसे व्यापक रूप से इस्तेमाल की जाने वाली विधि है। जबकि विशेषज्ञों का मानना ​​है कि नसबंदी महिलाओं की तुलना में कहीं ज्यादा आसान है, लेकिन विभाग के प्रयास यहां होते नहीं दिख रहे हैं और नसबंदी का आंकड़ा बहुत कम है. बाड़मेर की बात करें तो पिछले दस सालों पर नजर डालें तो यह आंकड़ा एक साल में 50 तक नहीं पहुंचा है. जबकि हजारों महिलाओं की नसबंदी की जाती है। नसबंदी की स्थिति एक जिले में ही नहीं बल्कि पूरे राज्य में एक जैसी है। महिलाओं से ज्यादा पुरुष नसबंदी से कतराते हैं। जबकि सामान्य तौर पर नसबंदी के लिए शिविरों में महिलाओं को ही देखा जाता है। विभाग के अधिकारियों का कहना है कि जितनी महिलाएं नसबंदी के लिए प्रेरित होती हैं, उतनी ही महिलाएं इसके लिए प्रेरित होती हैं। लेकिन फिर भी पुरुष नसबंदी के लिए आगे नहीं आते।

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बाड़मेर जिले में पिछले दस साल में सिर्फ एक बार 2013-14 में यह आंकड़ा 39 मामलों तक पहुंच गया था। साथ ही दस साल में इसने कभी इस संख्या को छुआ तक नहीं है। जबकि साल 2021-22 में फरवरी तक नसबंदी के सिर्फ 8 मामले ही सामने आए हैं। हालांकि विभाग की ओर से यह आंकड़ा अस्थाई तौर पर ही दिया गया है। 11 महीने में जब दस तक नहीं पहुंचेगा, तो अंदाजा लगाया जा सकता है कि एक महीने में यह कितना बढ़ जाएगा। बाड़मेर जिले में दस वर्षों में 254 पुरुष नसबंदी हो चुकी है। विशेषज्ञों का मानना ​​है कि नसबंदी इसलिए नहीं की जाती है क्योंकि उन्हें डर होता है कि इससे कमजोरी हो सकती है। जबकि यह सिर्फ एक मिथक है। नसबंदी कराने वाले पुरुषों के मामले सबके सामने हैं. यह केवल पुरुषों में एक डर है, जिसे पुरुष नसबंदी को प्रेरित करके और परिवार नियोजन कार्यक्रम को आगे बढ़ाकर ही दूर किया जा सकता है।
बाड़मेर : किस वर्ष कितने नसबंदी
2012-13 9071 36
2013-14 8744 39
2014-15 10284 36
2015-16 9136 18
2016-17 9615 15
2017-18 8084 13
2018-19 9565 20
2019-20 10006 37
2020-21 9925 29
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