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Rajasthan Breaking News: अलवर में मंदिर तोड़ने के मामले में गहलोत सरकार के खिलाफ सड़क पर उतर कर लोगों ने किया विरोेध प्रदर्शन

 
Rajasthan Breaking News: अलवर में मंदिर तोड़ने के मामले में गहलोत सरकार के खिलाफ सड़क पर उतर कर लोगों ने विरोेध प्रदर्शन

अलवर न्यूज डेस्क। राजस्थान की इस वक्त की बड़ी खबर में आपको बता दें कि अलवर में सांप्रदायिक माहौल खराब हो रहा है और अतिक्रमण के नाम पर 300 साल पुराने मंदिरों को तोड़ने का मामला अब तूल पकड़ता जा रहा है। अलवर में मूर्तियों को खंडित करने के मामले में राजस्थान पूरे देश में बदनाम हुआ। सरकार पर गंभीर आरोप लग रहे हैं तो भाजपा सरकार को घेरने में लगी है। इसी मामले के चलते अलवर में  आजसर्व समाज ने जुलूस निकाल कर अलवर कलेक्ट्रेट पर विरोध-प्रदर्शन कर हंगामा किया। 

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आज अलवर के शहीद स्मारक पर सर्व समाज के साधु-संतों की एक बैठक हुई। उसके बाद विरोध-प्रदर्शन करते हुए सैकड़ों की संख्या में लोग कलेक्ट्रेट पहुंचे है। कलेक्ट्रेट के गेट पर बैरिकेडिंग की व्यवस्था की गई व भारी पुलिस बल तैनात किया गया। इस दौरान भाजपा के नेताओं व पुलिस के बीच धक्का-मुक्की हुई। लोगों ने बैरिकेडिंग तोड़कर कलेक्ट्रेट में घुसने का प्रयास किया तो वहीं पुलिस बल उनको रोकने में लगा रहा। इस दौरान डिप्टी एसपी, एडिशनल एसपी सहित तमाम पुलिस के अधिकारी मौजूद रहे। हिंदू संगठनों और भाजपा कार्यकर्ताओं ने राज्यपाल के नाम जिला कलेक्टर को ज्ञापन सौंपा है। वहीं, मंदिरों का जीर्णोद्धार कराने व हिंदू आस्था के साथ हो रहे खिलवाड़ को रोकने की मांग की गई है।

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अलवर सांसद बाबा बालक नाथ ने कहा कि जिस तरह से समाज विशेष में फतवे जारी होते हैं। उसी तरह से प्रदेश सरकार और सरकार के सरकारी विभाग फतवे जारी कर रहे हैं। रमजान के दौरान जोधपुर में बिजली कटौती नहीं करने का फतवा जारी किया गया और सरकारी पैसे से मुख्यमंत्री आवास पर रोजा इफ्तार पार्टी दी गई। करौली में सांप्रदायिक हिंसा हुई और सरकार इस मामले को दबाने में लग गई। उन्होने कांग्रेस सरकार पर तुष्टीकरण का आरोप लगाया है।

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उन्होने कहा है​ कि हिंदू संगठनों व समाज के लोगों को सार्वजनिक कार्य करने पर रोक लगाई गई। घरों में झंडे लगाने पर रोक लगाई गई। इसके अलावा भी कई ऐसे आदेश गहलोत सरकार ने जारी किए हैं, जिन आदेशों से सर्व समाज का अहित हो रहा है। उन्होंने कहा कि एक जाति विशेष के लोगों को फायदा पहुंचाने और वोट बैंक की राजनीति के लिए सरकार ऐसा कर रही है। इसके विरोध में सर्व समाज सड़क पर उतरा है। सरकार को इसका हिसाब चुकाना पड़ेगा।