Ajmer में एक युवक जब दुराचार करने में विफल रहा तो कर दी हत्या, आरोपी को आजीवन कारावास
अजमेर न्यूज़ डेस्क, अजमेर विशेष अदालत के न्यायाधीश राजेंद्र बंशीवाल को अपनी भाभी को गाली देने और उसे फांसी देने में विफल रहने वाली महिलाओं के उत्पीड़न के मामले में उम्रकैद की सजा सुनाई गई है. कोर्ट ने कहा कि जिस परिवार ने आरोपी राजू रेगर का पीछा कर रहे उसी शख्स के साथ इतनी भीषण घटना को अंजाम दिया उसके साथ कोई सहानुभूति नहीं रख सकता. विशेष विधि अभियोजक अशरफ बुलंद खान और परिवार के वकील प्रेमपाल गोस्वामी के अनुसार मृतक के भाई ने 28 नवंबर 2019 को रामगंज थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई थी. मृतका के पति बुधलाल ने पुलिस को बताया कि पिता की मौत के बाद सभी भाई संयुक्त परिवार में रहते हैं. रामसर निवासी राजू का पुत्र मदन लाल उसके चाचा का पुत्र था और माता-पिता की मृत्यु के बाद वह उनके साथ रह रहा था, जो रिश्ते में उसका भाई लगता है। इन सभी ने 27 नवंबर, 2019 को शादी कर ली और श्रीनगर चले गए। घर पर बुधलाल की पत्नी थी, जिसके चलते हमने रात में दो बार फोन पर बात की, लेकिन 28 नवंबर की सुबह जब उसने फोन किया तो उसने नहीं उठाया। सुबह 11 बजे बुधलाल अपने भाई विजय और बेटे भावेश को लेकर घर पहुंचा, गेट खुला तो शौच के लिए चला गया.
इसमें उसके भाई ने आवाज दी और कहा कि भाभी पलंग देख रही है लेकिन आवाज देने पर बोल नहीं रही है। बुधलाल अपने कमरे में पहुंचा जब उसकी पत्नी दुर्गा बिस्तर पर लेटी हुई थी, उसकी गर्दन मुड़ी हुई थी और उसकी नाक से खून बह रहा था, उसका शरीर ठंडा था। अस्पताल ले जाने पर डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया। पुलिस जांच में खुलासा हुआ कि राजू सुबह दुर्गा के अलावा मजदूरी करने घर गया था। पहले तो राजू ने परिवार के बाकी लोगों के साथ रोने का नाटक भी किया। पुलिस के पूछने पर वह टूट गया। उसने बताया कि घटना की रात जब दुर्गा अपने कमरे में अकेली थी तो उसने दरवाजा खोलने की कोशिश की लेकिन दुर्गा ने नहीं खाया। प्रातः काल मायाका को पाकर उन्होंने दुर्गा का दमन किया। दुराचार करने की कोशिश की, जिस पर दुर्गा लड़ पड़ी। जब उसने ऐसा नहीं किया तो उसने गुस्से में दुर्गा का गला घोंटकर हत्या कर दी। फिर वह मजदूरी के लिए बाहर गया ताकि किसी को शक न हो। खून और वीर्य हत्यारे को सजा दिलाने में मदद करते हैं। राजू ने पुलिस के सामने हत्या की बात कबूल कर ली लेकिन बाद में कहा कि उसे फंसाया जा रहा है। हत्या का कोई चश्मदीद गवाह नहीं था, इसलिए परिस्थितिजन्य साक्ष्य और फोरेंसिक जांच प्रमुख सबूत बन गए। दुर्गा की नाक से राजू के कपड़े रिस रहे थे। मृतक के कपड़े पर राजू का वीर्य मिला था।
Ajmer स्वराज महोत्सव, प्रबुद्ध नागरिक सम्मेलन विभिन्न प्रयासों और अनगिनत बलिदानों का परिणाम था
