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Rajasthan Breaking News: अजमेर में मंदिर के पुजारी के आत्मदाह का मामला, इलाज के दौरान देर रात हुई पुजारी की मौत

 
Rajasthan Breaking News: अजमेर में मंदिर के पुजारी के आत्मदाह का मामला, इलाज के दौरान देर रात हुई पुजारी मौत

अजमेर न्यूज डेस्क। राजस्थान की बड़ी खबर में आपको बता दें कि अजमेर में मंदिर कमेटी से परेशान पुजारी के आत्मदाह मामले में बड़ा अपडेट सामने आया है। पुजारी की कल देर रात इलाज के दौरान मौत हो गई। देर रात परिजनों ने बॉडी लेने से मना कर दिया। जिसके बाद जिला पुलिस प्रशासन ने अपने स्तर पर ही बॉडी को हॉस्पिटल की मोर्चरी में रखवाया। आज सुबह ब्राह्मण समाज की ओर से अपनी 4 सूत्री मांगों को लेकर महापंचायत बुलाने का आह्वान किया गया है। जिसके बाद से ही पुलिस प्रशासन अलर्ट मोड पर है।

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बता दे कि ऋषि घाटी स्थित जगदीश पुरी मंदिर के पूर्व पुजारी गोविंद नारायण ने मंदिर कमेटी से परेशान होकर 11 अक्टूबर 2022 को मंदिर में खुद पर केरोसिन उड़ेलकर आग लगा दी। जिसके बाद वह 60 प्रतिशत तक झुलस गए। पुजारी को अजमेर के जेएलएन हॉस्पिटल के बर्न वार्ड में भर्ती करवाया गया। जिसके बाद बुधवार को उन्हें तबीयत ज्यादा नाजुक होने पर वेंटिलेटर पर शिफ्ट किया गया था। जहां गुरुवार रात उन्होंने दम तोड़ दिया। सूचना मिलते ही परिवार व समाज के लोग और पुलिस प्रशासन जेएलएन हॉस्पिटल पहुंचा। जहां परिवार वालों और समाज के लोगों ने पुलिस से बॉडी लेने से मना कर दिया। जिला पुलिस प्रशासन ने बॉडी को खुद के स्तर पर हॉस्पिटल की मोर्चरी में रखवाया है।

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पुजारी की मौत के बाद ब्राह्मण महासभा के अध्यक्ष सुदामा शर्मा ने बताया कि हॉस्पिटल प्रशासन द्वारा पुजारी के दम तोड़ने की सूचना दी गई। समाज और परिवार ने बॉडी उठाने से साफ तौर पर इंकार कर दिया है। उन्होंने कहा कि जब तक पुजारी के परिवार को न्याय नहीं मिलेगा तब तक बॉडी नहीं उठाई जाएगी। अध्यक्ष ने कहा कि आज समाज द्वारा महापंचायत बुलाई गई है। जहां बैठक के बाद ही निर्णय किया जाएगा। पंडित सुदामा शर्मा ने बताया कि समाज और परिवार की मांग है कि पुजारी को आत्मदाह के लिए उकसाने वाले लोगों पर तुरंत कार्रवाई की जाए, प्रशासन द्वारा पंडित परिवार को 50 लाख की आर्थिक मदद और परिवार के एक व्यक्ति को सरकारी नौकरी दी जाए, वही मंदिर कमेटी की पूर्व के भांति सुचारू रूप से पुजारी के पोते भरत शर्मा को कमेटी में स्थाई सदस्य बनाकर पूजा-पाठ व निवास करने दिया जाए।