Udaipur राजस्थान में क्या है हवा का रुख, जानिए जिला संभाग की 28 सीटों की स्थिति
उदयपुर न्यूज़ डेस्क, उदयपुर जिले में लंबे अरसे के बाद कांग्रेस और भाजपा में कांटे की टक्कर है। राजसमंद की नाथद्वारा संभाग की सबसे हॉट सीट में से एक है। यहां कांग्रेस के दिग्गज नेता सीपी जोशी और भाजपा प्रत्याशी विश्वराज सिंह मेवाड़ के बीच मुकाबला है। जानिए उदयपुर संभाग के जिलों में कहां, क्या स्थिति
उदयपुर जिला : लंबे समय बाद भाजपा को टक्कर दे रही कांग्रेस
उदयपुर जिले में लंबे समय बाद कांग्रेस बीजेपी को कड़ी टक्कर देती नजर आ रही है। गुलाबचंद कटारिया के संवैधानिक पद पर जाने के बाद बीजेपी की कोर टीम कमजोर नजर आने लगी है। उधर, कांग्रेस की योजनाओं के प्रचार-प्रसार की वजह से फिलहाल चार सीटों पर मुकाबला रोचक हो गया है। यहां हार और जीत का अंतर कुछ हजार वोटों पर सिमट सकता है। उदयपुर शहर में गौरव वल्लभ ताराचंद जैन को कड़ी टक्कर दे रहे है। गोगुंदा, खेरवाड़ा में भाजपा और कांग्रेस में आमने-सामने का मुकाबला है। वल्लभनगर में कांग्रेस और बीजेपी के बीच जनता सेना ने मुकाबले को रोचक बना दिया है।
क्या बोले वोटर्सउदयपुर शहर के रहने वाले लॉ स्टूडेंट विपुल वैष्णव ने बताया कि कांग्रेस ने गौरव वल्लभ को मौका दिया, जो विकास के साथ समस्याओं के समाधान पर बात कर रहे हैं। ऐसे में उदयपुर में युवा कांग्रेस के साथ है, लेकिन राजस्थान में सचिन पायलट का सीएम फेस नहीं होने की वजह से कांग्रेस को वोट नहीं मिलेंगे। चाय की स्टॉल चलाने वाले प्रेमपुरी गोस्वामी ने बताया कि कांग्रेस की सरकार काफी वायदे कर सत्ता में आई थी, लेकिन धरातल पर असर नहीं दिखा। इस बार भी राजस्थान की परम्परा बरकरार रहेगी और रिवाज नहीं राज बदलेगा।
राजसमंद जिला : जोशी के पास विकास के दावे, विश्वराज के पास विरासत
नाथद्वारा सीट पर पूरे प्रदेश की नजर है। कांग्रेस के दिग्गज नेता सीपी जोशी विकास के नाम पर वोट मांग रहे हैं तो बीजेपी प्रत्याशी विश्वराज सिंह मेवाड़ के पास महाराणा प्रताप की विरासत है। राजसमंद सीट पर भाजपा अपने गढ़ में ही फंसी हुई है। भीम और कुंभलगढ़ सीट पर भाजपा केन्द्र सरकार की योजनाओं काे लेकर जनता के बीच मजबूत नजर आ रही है।
चित्तौड़गढ़ जिला : बागी आक्या ने मुकाबले को रोचक बनाया
बीजेपी के बागी चन्द्रभान आक्या ने चित्तौड़ विधानसभा के मुकाबले को रोचक बना दिया है। भैरोसिंह शेखावत के दामाद नरपत सिंह राजवी बीजेपी से चुनावी मैदान में हैं। कांग्रेस से पूर्व विधायक सुरेन्द्र सिंह जाड़ावत बीजेपी की अंदरूनी लड़ाई का फायदा उठाने की कोशिश में जुटे है। निम्बाहेड़ा में मंत्री उदयलाल आंजना और पूर्व मंत्री श्रीचंद कृपलानी में कांटे की टक्कर नजर आ रही है। बेगूं, बड़ीसादड़ी में भाजपा मजबूत नजर आ रही है। कपासन में बागियों की वजह से टक्कर बनी हुई है।
लालजी का खेड़ा निवासी हाउसवाइफ खुशबू कहती हैं- अस्पताल में जो असुविधाएं हैं उनको दूर करना चाहिए। यहां मुख्य रोड पर न लाइट है और न नालियां। इस बार चित्तौड़ की जनता विकास के मुद्दे पर ही वोट देगी। कल्याण नगर की रहने वाली हाउसवाइफ हर्षाली वानखेड़े ने बताया कि चित्तौड़ में इस बार स्थानीय प्रत्याशी की ही जीत होगी क्योंकि बाहरी क्षेत्र की समस्याओं को नहीं पहचानता है और न ही जनता को जानता है।
प्रतापगढ़ जिला : बीएपी बढ़ा रही बीजेपी-कांग्रेस की परेशानी
यहां दोनों सीटों में इस बार का परिणाम पिछले चुनाव से उलट हो सकता है। प्रतापगढ़ में भाजपा के हेमंत मीणा कांग्रेस के रामलाल को टक्कर दे रहे हैं। धरियावद में पूर्व विधायक दिवंगत गौतम मीणा की सहानुभूति भाजपा के कन्हैयालाल को मिल रही है। हालांकि बीएपी ने दोनों ही सीटों पर कांग्रेस और बीजेपी की परेशानी बढ़ा रखी है।
डूंगरपुर जिला : कांग्रेस के लिए बगावत चुनौती
डूंगरपुर में भाजपा की लगातार हो रही सभाओं का असर धरातल पर नजर आने लगा है। बीएपी भी कांग्रेस के लिए मुसीबत बनती जा रही है। डूंगरपुर सीट पर विधायक गणेश घोघरा बागी की चुनौती का सामना कर रहे हैं। चौरासी में कांग्रेस से पूर्व सांसद ताराचंद भगोरा, भाजपा के प्रदेश महामंत्री सुशील कटारा और बीएपी के विधायक राजकुमार रोत के बीच रोमांचक मुकाबला है। बांसवाड़ा में कांग्रेस के दो मंत्रियों की साख दांव पर लगी हुई है। महेन्द्र जीत सिंह मालवीया कांग्रेस वर्किंग कमेटी के सदस्य बनने के बाद जिले की पांचों सीट जिताने की कोशिश में जुटे हुए हैं। बांसवाड़ा सीट पर सरकार विरोधी लहर बड़ी चुनौती हो सकती है। वहीं बीजेपी भितरघात की चुनौती से जूझ रही है।