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Udaipur जावर और झामर कोटड़ा जिओ हेरिटेज टूरिज्म साइट के रूप में होंगे विकसित

 
Udaipur जावर और झामर कोटड़ा जिओ हेरिटेज टूरिज्म साइट के रूप में होंगे विकसित
उदयपुर न्यूज़ डेस्क, उदयपुर खनन के लिए विख्यात जावर क्षेत्र और जीवाश्म संपदा से समृद्ध झामर कोटड़ा अब जिओ हेरिटेज टूरिज्म साइट के रूप में विकसित हो पाएंगे। इसको लेकर मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा की मंशानुरूप जिला प्रशासन ने पर्यटन विभाग को लेसर नॉन टूरिज्म साइट्स के रूप में इन स्थलों को विकसित करने भूमि का आवंटन किया है। भूमि आवंटन निशुल्क होकर 99 साल की लीज पर किया है। इसकी कार्यकारी एजेंसी आरटीडीसी होगी और डीपीआर पीडीसीओआर से बनवाई जाएगी। इससे उदयपुर के पर्यटन में एक नया अध्याय जुड़ेगा। वहीं, पर्यटन विकसित होने से स्थानीय लोगों को रोजगार के अवसर मिलेंगे। गौरतलब है कि बजट की घोषणाओं के अनुसार इन स्थलों को विकसित किया जाएगा। गत साल 13 जुलाई को पर्यटन विभाग, भू-विज्ञान एवं खान विभाग के अधिकारियों ने झामर कोटड़ा का दौरा कर फॉसिल पार्क विकसित करने की संभावनाएं जताई थीं। झामर कोटड़ा में 180 करोड़ वर्ष पुरानी चट्टानें पाई गई। फॉसिल पार्क का महत्व प्राकृतिक इतिहास और विज्ञान के अध्ययन में महत्वपूर्ण है। प्रस्तावित फॉसिल पार्क प्राचीन जीवाश्मों के संरक्षण और अध्ययन के लिए समर्पित होगा, जो पृथ्वी की प्राचीन जीवन संरचना और पारिस्थितिक तंत्र की जानकारी देगा। वहीं, 18 जुलाई को पर्यटन विभाग के अधिकारियों ने जावर क्षेत्र का दौरा कर स्थानीय जनप्रतिनिधियों एवं निवासियों से चर्चा कर क्षेत्र में पर्यटन के विकास के संदर्भ में सुझाव लिए एवं तकनीकी बिंदुओं को ध्यान में रखते हुए सर्वे रिपोर्ट तैयार कर राज्य सरकार को प्रेषित की थी।

जिओ हेरिटेज पर्यटन

जिओ हेरिटेज पर्यटन, या भौगोलिक धरोहर पर्यटन, एक विशेष प्रकार का पर्यटन है जो किसी क्षेत्र की भौगोलिक विशेषताओं, जैसे पर्वत, नदियां और भूगर्भीय खनिज संपदाओं पर आधारित होता है।

नॉलेज पॉइंट भी कर सकेंगे एक्सप्लोर

नए और यूनिक प्रोडक्ट की शृंखला में जावर में जिओ टूरिस्ट साइट और झामर कोटड़ा में जीवाश्म पार्क के विकास के साथ ही इनके टूरिज्म पोटेंशियल को मार्केट किया जाएगा। इससे उदयपुर आने वाले पर्यटक घूमने के नए ऑप्शन के साथ ही नॉलेज पॉइंट भी एक्सप्लोर कर सकेंगे। पर्यटकों की संख्या में इजाफा होने के साथ ही उनका ठहराव भी बढ़ेगा और उदयपुर के बाहरी क्षेत्रों में पर्यटन बढ़ने से शहर में टूरिज्म का संतुलित विकास होगा।