Udaipur साइबर ठगों को अप्रत्यक्ष रूप से हम ही देते हैं जानकारी, जागरूकता जरूरी

उदयपुर न्यूज़ डेस्क, उदयपुर नेट, सोशल साइट, ऑनलाइन एप आदि किसी भी माध्यम से होने वाली ठगी को साइबर फ्रॉड कहा जाता है। आपकी सोशल साइट को हेक करके ठग कई महत्वपूर्ण जानकारियां जुटा लेते हैं। इन जानकारियों के माध्यम से ही वे ठगी का प्रयास करते हैं, जो अप्रत्यक्ष रूप से आपके द्वारा ही दी गई होती है। थोड़ी सी सावधानी रखने से इस प्रकार की ठगी से बचा जा सकता है। यह जानकारी रक्षा कवच के तहत परशुराम व्यापार संघ के सदस्यों को दी गई। कार्यक्रम में बताया गया कि साइबर ठग सोशल साइट अकाउंट को हेक करके परिजनों, परिचितों से आपके नाम से राशि मांगते हैं। कई लोग धोखे में राशि दे भी देते हैं।
ऐसे में मोबाइल के साथ ही सोशल साइट के पासवर्ड हमेशा बदलते रहे। कभी भी अनजान नंबर से आने वाले कॉल और वीडियो कॉल नहीं उठाएं। सोशल साइट पर कई बार अनजान नंबरों से मैसेज और लिंक आते हैं। ऐसे में इन मैसेज और लिंक को नहीं खोलना चाहिए। बच्चों को मोबाइल देने से पूर्व उन्हें साइबर ठगी के बारे में अवश्य जानकारी दे क्योंकि साइबर ठग बच्चों से एप डाउनलोड करवाकर पासवर्ड, ओटीपी आदि आसानी से प्राप्त कर लेते हैं। कार्यक्रम में मौजूद लोगों ने साइबर ठगी को लेकर अपने अनुभव भी साझा किए। इसमें बताया गया कि सरकारी एजेंसी का अधिकारी बनकर बच्चों के किसी मामले में फंसने की बात कहकर लोगों को ठगा जा रहा है। साथ ही ऑनलाइन सामान मंगवाने पर ओटीपी लेकर भी लोगों के खातों से राशि ट्रांसफर की जा रही है। कार्यक्रम में प्रवीण नरवारिया, भरत जैन, गरिमा शर्मा, निशी जैन, प्रवेश मेहता, विनोद सालवी, डॉ. जलेश, पुष्कर गर्ग, प्रियांश मेनारिया, पीयूष जैन, प्रतीक अरोड़ा, आदिल डांगी, रोहित मेनारिया आदि मौजूद रहे।
ये जानकारी भी दी
● कार्यक्रम में सरकारी एप की जानकारी भी दी गई।
● सिम कार्ड धोखाधड़ी के बारे में बताया गया। आपके नाम से कितनी सिम जारी हुई है इसकी जानकारी साइट से देखी जा सकती है।
● साइबर फ्रॉड होने पर नजदीकी पुलिस स्टेशन, 1930 नंबर या साइबर क्राइम से जुड़े एप पर शिकायत अवश्य करनी चाहिए।