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Udaipur निरक्षण के दौरान स्कूलों में अनुपस्थित मिले शिक्षक, पोषाहार में कमी

 
Udaipur निरक्षण के दौरान स्कूलों में अनुपस्थित मिले शिक्षक, पोषाहार में कमी 

उदयपुर न्यूज़ डेस्क, उदयपुर एक ओर सरकार आदिवासी क्षेत्रों में शिक्षा के नाम पर करोड़ों रुपए खर्च कर रही है। लेकिन हकीकत में उच्च अधिकारियों की उदासीनता व मॉनिटरिंग के अभाव में अधिकांश विद्यालयों में पढ़ने वाले आदिवासी बच्चों को समय पर शिक्षा व गुणवत्तापूर्ण भोजन नहीं मिल पा रहा है। अधिकांश विद्यालय काफी पुराने और जर्जर नजर आते है। जिसके गिरने के डर से बच्चों को पेड़ों के नीचे या बरामदे में एक साथ झुंड में बैठाना पड़ता है। ऐसा ही मामला कोटड़ा प्रधान सुगना देवी ने विद्यालयों के औचक निरीक्षण के दौरान देखा। उन्होंने बताया कि अधिकांश स्कूलों में शिक्षक बिना छुट्टी लिए ही विद्यालय से गैर हाजिर रहते है।

मिड-डे मील के तहत मिलने वाला भोजन भी सही समय पर नही मिल रहा हैं। इन विद्यालयों में नदारद मिले शिक्षक : कोटड़ा प्रधान सुगना देवी खैर ने सोमवार को क्षेत्र की अलग-अलग स्कूलों का औचक निरीक्षण किया। राजकीय प्राथमिक विद्यालय कागवास में निरीक्षण के दौरान 11 बजे तक 2 में से एक शिक्षक ही उपस्थित मिले। राजकीय उच्च प्राथमिक विद्यालय आंजनी 7 में से दो शिक्षक अनुपस्थित रहे। 11:30 बजे तक राजकीय प्राथमिक विद्यालय रुपणी पांच में से दो शिक्षक बिना सीएल के अनुपस्थित रहे। राजकीय प्राथमिक विद्यालय गोरिया दो में से एक शिक्षक अनुपस्थित मिला। कोटड़ा प्रधान ने स्कूलों का निरीक्षण किया। फिलहाल मेरे घर में शादी का कार्यक्रम होने से मैं छुट्टी पर हूं। कार्मिकों की लापरवाही की शिकायत मिली है। उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।

पोषाहार में मिली अनियमितताएं

प्रधान के निरीक्षण में अधिकांश स्कूलों में मिड-डे मील का भोजन नहीं मिल रहा था। बच्चों के पोषाहार के नाम पर सिर्फ खानापूर्ति की जा रही थी। चावल में आलू डालकर बच्चों को परोसा जा रहा था। फल तो यहां बच्चों ने देखे तक नहीं। राजकीय प्राथमिक विद्यालय गोरिया में निरीक्षण के दौरान पोषाहार सामग्री काफी पुरानी पाई गई। जिसकी एक्सपायरी डेट तक निकल चुकी थी। छुट्टी के बारे में पूछा तो बच्चों ने बताया कि शिक्षक दोपहर दो बजे ही स्कूल की छुट्टी कर घर चले जाते है।