Udaipur जल झूलनी एकादशी को दो माह से क्षीरसागर में योग निद्रा में लीन श्री हरि इस दिन बदलेंगेकरवट
उदयपुर न्यूज़ डेस्क, जल झूलनी एकादशी 14 सितंबर को है। इस दिन भगवान विष्णु 14 सितंबर को एक क्षण के लिए जागेंगे और करवट लेंगे। फिर वापस योग निद्रा मग्न हो जाएंगे। श्रीहरि 17 जुलाई को देवशयनी एकादशी के दिन क्षीर सागर में सोए थे, जो अब 12 नवंबर को देवउठनी या देव प्रबोधिनी एकादशी को जागेंगे।वैदिक मान्यता है कि भगवान विष्णु के योग निद्रा में रहते चार माह के लिए सृष्टि के काम-काज भगवान महादेव के पास रहते हैं। इस बीच भाद्रपद शुक्ल एकादशी पर श्रीहरि के क्षणिक जागरण पर शोभायात्राएं निकालने के साथ विष्णु स्वरूप भगवान सालिगराम का जलाशयों में जलाभिषेक होता है।
माना जाता है कि इस एकादशी का व्रत भगवान विष्णु की कृपा दिलाता है। पंडित जितेंद्र त्रिवेदी बताते हैं कि इस दिन भगवान विष्णु के वामन अवतार की पूजा की जाती है। शहर में राम रेवाड़ियां निकाली जाएंगी। ठाकुर जी दोपहर बाद 3 बजे जगदीश मंदिर से निकलकर गणगौर घाट पर स्नान के लिए पधारेंगे और शाम को मंदिर लौटेंगे। इस अवसर पर जगन्नाथ स्वामी को केसरिया रंग की विशेष पोशाक धारण करवाई जाएगी। सुबह मंगला आरती के बाद नित्य पूजन होगा। मांजी घाट के चारभुजा जी और बांके बिहारी मंदिर से भी रामरेवाड़ियां निकलेंगी।
समाज-संगठनों में तैयारियां, समाज भवन से निकालेंगे रेवाड़ियां: शहर में लगभग सभी समाज-संगठन अपने-अपने भवन-परिसरों से रामरेवाड़ी निकालेंगे। इसकी तैयारियां शुरू हो चुकी हैं। आयड़ क्षेत्र की रेवाड़ियां गंगू कुंड ले जाई जाएंगी, जबकि वॉल सिटी के बेवाण घंटाघर, जगदीश चौक होते हुए और गणगौर घाट जाएंगे। हर साल 50 से अधिक राम रेवाड़ियों से शहर में उत्सवी रंगत रहती है।
