Udaipur समुद्री खाद बनाने की तकनीक जल निकायों में कचरे से दिलाएगी मुक्ति

उदयपुर न्यूज़ डेस्क, भारत में कम्पोस्टेबल प्रोडक्ट्स की संस्था एसोसिएशन ऑफ कम्पोस्टेबल प्रोडक्ट्स इन इंडिया (एसीपीआई) सदस्यों ने सेंट्रल पोल्यूशन कंट्रोल बोर्ड द्वारा कम्पोस्टेबल प्रोडक्ट्स के निर्माण की प्रतिबद्धता की शपथ के साथ एसीपीआई द्वारा उदयपुर में आयोजित दो दिवसीय राष्ट्रीय सम्मेलन सम्पन्न हुआ।
सम्मेलन में देश-विदेश के विशेषज्ञों एवं सदस्यों ने कम्पोस्टेबल प्रोडक्ट्स को गुणवत्तापूर्ण और स्टेण्डर्ड को सुनिश्चित करने के लिये एसीपीआई की ओर से टीम के गठन करने का निर्णय लिया। यह टीम क्वालिटी और स्टेण्डर्ड की निगरानी करेगी एवं इसी अनुसार प्रोडक्ट्स हो यह तय करेगी। एसीपीआई द्वारा आयोजित इस राष्ट्रीय सम्मेलन में अगले एक वर्ष में मरीन कम्पोस्टिंग प्रोडक्ट्स की तकनीक लाने की योजना की जानकारी दी गयी जिससे समुद्र, झीलों, तालाबों या नालों में कचरे की समस्या से निजात मिलेगी।
इस योजना के बारे जानकारी देते हुए एसीपीआई के प्रेसिडेंट मयूर जैन ने बताया कि मरीन कम्पोस्टिंग प्रोडक्ट्स की तकनीक पर कार्य किया जा रहा है जो कि देश में पानी में कचरे की समस्या से निपटने में महत्वपूर्ण होगी। मरीन कम्पोस्ट पानी में ही घुल कर कचरे की समस्या को दूर करेगा जो कि आज एक बहुत बड़ी समस्या है। जैन ने सदस्यों को एसीपीआई एसोसिएशन की उपलब्धियों और आगामी योजनाओं के बारें में विस्तार से जानकारी दी।
एसीपीआई के प्रमुख सदस्य अशोक बोहरा ने बताया कि दो दिवसीय राष्ट्रीय सम्मेलन में क्वालिटी प्रोडक्ट्स को सुनिश्चित करने और कमेटी के गठन के साथ ही सीपीसीबी से मान्यता प्राप्त कम्पोस्टेबल प्लास्टिक प्रोडक्ट्स के विभिन्न पहलुओं पर चर्चा की गयी।