उदयपुर रेलवे स्टेशन बनेगा ग्रीन मॉडल: प्लास्टिक वेस्ट होगा रिसाइकिल, स्क्रैप-क्यू के साथ 5 साल का करार
प्रदेश के रेलवे स्टेशनों को स्वच्छ और पर्यावरण अनुकूल बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम उठाया गया है। उत्तर पश्चिम रेलवे ने हैदराबाद की स्क्रैप-क्यू कंपनी के साथ पांच साल के लिए करार किया है, जिसके तहत सात प्रमुख स्टेशनों और 593 ट्रेनों से प्लास्टिक कचरे को एकत्र कर रिसाइकिल किया जाएगा। इस पहल की शुरुआत उदयपुर रेलवे स्टेशन से की गई है, जहां हर दिन करीब 5 से 8 क्विंटल प्लास्टिक कचरा निकलता है।
इस करार के तहत उदयपुर के अलावा अजमेर जंक्शन, भीलवाड़ा, ब्यावर, आबू रोड, फालना और मारवाड़ जंक्शन स्टेशन भी शामिल हैं। स्क्रैप-क्यू कंपनी स्टेशनों और ट्रेनों से एकत्र कचरे को रिसाइकिल करेगी और इससे विभिन्न उपयोगी उत्पाद तैयार किए जाएंगे। कंपनी के अनुसार आने वाले वर्षों में करीब 25 लाख किलोग्राम प्लास्टिक कचरा और 10 लाख किलोग्राम अन्य रिसाइकिल योग्य कचरा एकत्र किया जाएगा।
प्लास्टिक कचरे को रिसाइकिल किया जाएगा
कंपनी के सीईओ वेंकट सुंकरी ने बताया कि स्टेशनों और ट्रेनों में यात्रियों द्वारा छोड़े गए प्लास्टिक जैसे पानी की बोतलें, खाने के पैकेट और अन्य पेय पदार्थ के कंटेनर इस योजना के दायरे में आएंगे। यह कचरा स्टेशन पर ट्रेनों के रुकने के बाद एकत्र किया जाएगा, न कि ट्रेन चलने के दौरान। उन्होंने कहा कि कंपनी की स्वयं की विकसित तकनीक का उपयोग करके प्लास्टिक को रिसाइकिल किया जाएगा, जिससे कार्बन उत्सर्जन में भी काफी कमी आएगी। इस योजना के तहत स्क्रैप-क्यू कंपनी पांच साल में रेलवे को कुल 48.5 लाख रुपये का भुगतान भी करेगी।
साथ ही इस पहल के जरिए करीब 150 अनुबंध आधारित नौकरियां भी पैदा होंगी। जिससे स्थानीय रोजगार को भी बढ़ावा मिलेगा। रेलवे की यह पहल न केवल स्वच्छता की दिशा में एक कदम है, बल्कि पर्यावरण संरक्षण और सतत विकास की दृष्टि से भी यह एक मिसाल साबित हो सकती है। उदयपुर जैसे पर्यटन केंद्र पर यह परियोजना न केवल यात्रियों को स्वच्छ वातावरण प्रदान करेगी, बल्कि जागरूकता भी बढ़ाएगी।
