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Udaipur सुखाड़िया विश्वविद्यालय में 94 शिक्षकों की पदोन्नति ढाई साल में 5वीं बार अटकी

 
Udaipur सुखाड़िया विश्वविद्यालय में 94 शिक्षकों की पदोन्नति ढाई साल में 5वीं बार अटकी

उदयपुर न्यूज़ डेस्क, उदयपुर सुखाड़िया विश्वविद्यालय में दो सितंबर को होने वाली बॉम बैठक 30 दिन में दूसरी बार टल गई है। इससे पहले 8 जुलाई को कुलपति सुनीता मिश्रा के घायल होने पर बैठक रद्द करनी पड़ी थी। लगातार दो बैठकें रद्द होने से 94 शिक्षकों के प्रमोशन की प्रक्रिया ढाई साल में पांचवीं बार अटक गई है।बताया जा रहा है कि इस बार की बॉम बैठक में इन शिक्षकों की पदोन्नति पर मुहर लगानी थी। बॉम के स्थगित होने की मुख्य वजह 2 शिक्षकों पर फर्जीवाड़े के गंभीर आरोप को बताया जा रहा है। इनमें 4 शिक्षकों पर फर्जी आर्टिकल्स प्रस्तुत करने और 5 शिक्षकों पर अयोग्य होने के गंभीर आरोप हैं, जबकि 2 शिक्षकों को सीएएस के तहत पदोन्नति देने की अनुशंषा को प्रारंभिक तौर पर गैर कानूनी माना गया है।

इन 11 विवादित शिक्षकों के कारण 83 योग्य शिक्षकों की पदोन्नति बार-बार अटक रही है। विवि प्रशासन ने सभी 94 शिक्षकों से चौथी बार एनुअल परफॉर्मेंस रिपोर्ट (एपीआर) फरवरी 2024 में भरवाई थी। ये शिक्षक फरवरी 2022 से फरवरी 2024 तक चार बार एपीआर भर चुके हैं। इस बार भी इन्हें निराशा हाथ लगी। शिक्षाविदों की जुबान पर एक ही सवाल है कि विवि प्रशासन की ओर से 11 विवादित शिक्षकों को छोड़कर शेष 83 योग्य शिक्षकों को पदोन्नति क्यों नहीं दी जा रही है? फिलहाल विवि प्रशासन की ओर से बॉम बैठक की नई तारीख का ऐलान भी नहीं किया गया है।

18 विभागों में कोई प्रोफेसर नहीं

सुविवि के हिंदी, अंग्रेजी, राजनीति विज्ञान, राजस्थानी, उर्दू, अर्थशास्त्र, मनोविज्ञान, संगीत, जैन एवं प्राकृत अध्ययन, रेडिमेड गारमेंट पत्रकारिता एवं जनसंचार, पुस्तकालय विज्ञान,भू विज्ञान, माइक्रोबायोलॉजी, पर्यावरण अध्ययन, बायोटेक, बॉटनी, केमिस्ट्री, बैंकिंग अध्ययन, व्यवसायिक अर्थशास्त्र विभाग में कोई प्रोफेसर ही नहीं है। इनमें से अधिकांश विभागों में स्नातकोत्तर स्तर पर कक्षाएं संचालित हैं। प्रत्येक विभाग में लगभग 100 के करीब विद्यार्थी हैं। करीब 1500 स्नातकोत्तर विधार्थी बिना प्रोफेसर्स से पढ़े डिग्री लेने को मजबूर है।