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Udaipur हिस्ट्रीशीटर पर फायरिंग के मामले में अभी तक पुलिस के हाथ नहीं लगा सुराग

 
Udaipur हिस्ट्रीशीटर पर फायरिंग के मामले में अभी तक पुलिस के हाथ नहीं लगा सुराग

उदयपुर न्यूज़ डेस्क, उदयपुर शहर में शुक्रवार की रात को हिस्ट्रीशीटर पर फायरिंग की घटना में अभी आरोपी पुलिस की पकड़ में नहीं आए है। पुलिस आरोपियों की तलाश में जुटी है और अलग-अलग जगह टीमें भेज रखी है। पुलिस का अब तक की जांच में यह मानना है कि यह मामला 2014 में हुए प्रवीण पालीवाल हत्याकांड से लिंक हो सकता है। इस मामले में उदयपुर एसपी ने कहा कि आरोपी पकड़ में आएंगे तब ही तस्वीर साफ हो सकेगी।

3 थानों की पुलिस पीछे

पुलिस को आरोपियों के अहमदाबाद हाईवे वाले रूट पर जाने की सूचना के आधार पर पुलिस ने उस क्षेत्र से लेकर अलग-अलग स्थानों पर टीमें भेज रखी है। पुलिस ने हाईवे पर खेरवाड़ा थाने को लेकर भी अलर्ट कर रखा है। इसके अलावा घटना स्थल वाले थाने भूपालपुरा पुलिस की टीम भी आरोपियों की तलाश में है। टीम में प्रतापनगर पुलिस भी शामिल है।

पालीवाल हत्याकांड से जुड़े हो सकते हैं तार

अभी तक इस मामले में फायरिंग के पीछे के कारणों का पता नहीं चल पाया है। पुलिस ने अंदेशा जताया है कि 2014 में उदयपुर में हुए प्रवीण पालीवाल हत्याकांड केस से इस फायरिंग का कनेक्शन हो सकता है। शुक्रवार की घटना में हिस्ट्रीशीटर भूपेन्द्र रावल पर फायरिंग हुई और वहीं प्रवीण पालीवाल हत्याकांड केस में गवाह है और विजय आरोपी है। विजय इस फायरिंग की घटना में शामिल है। उदयपुर एसपी भुवन भूषण यादव ने बताया कि प्रवीण हत्याकांड का भी फायरिंग की घटना से जुड़ाव हो सकता है। उन्होंने यह भी बताया कि आरोपी पकड़ में आते है तो पूरा मामले का खुलासा हो सकेगा और असली वजह भी सामने आ पाएगी। उन्होंने बताया कि फायरिंग के आरोपियों को पकड़ने के लिए पुलिस की टीमें लगी हुई है। एसपी ने बताया कि फायरिंग से घायल हुआ भूपेन्द्र रावल की हालत अब खतरे से बाहर है। अस्पताल के डॉक्टरों के अनुसार उनके अंदरूनी हिस्से को कोई चोट नहीं पहुंची और उनको ऑपरेट करने की जरूरत नहीं है। शुक्रवार की रात को बीएन कॉलेज के सामने फाइव टाउन जिम से भूपेंद्र रावल निकला था। स्कूटी पर रवाना होने लगा कि तभी उसका चचेरा भाई और उसके साथ उसका दोस्त आए और भूपेन्द्र पर चार फायर कर दिए। नाड़ा खाड़ा निवासी भूपेंद्र रावल सूरजपोल थाने का हिस्ट्रीशीटर है। उस पर हमला उसके चचेरे भाई विजय रावल ने किया। उसके साथ उसका दोस्त रवि भी था।