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Udaipur पिछोला झील में अब नहीं चलेंगी पेट्रोल-डीजल वाली नावें, समझौता खत्म

 
Udaipur पिछोला झील में अब नहीं चलेंगी पेट्रोल-डीजल वाली नावें, समझौता खत्म

उदयपुर न्यूज़ डेस्क, उदयपुर शहर वालों की प्यास बुझाने वाली पिछोला झील में अब पेट्रोल-डीजल की बोट नहीं चलेगी। बुधवार से ही नगर निगम ने ये बोट चलाने वाली फर्म के साथ करार खत्म कर दिया है।इसके साथ ही अब इस झील में राजस्थान हाईकोर्ट के आदेश के तहत सोलर अथवा बैटरी संचालित नावों का संचालन होगा। वैसे नई फर्म ये बोट लेकर आ चुकी है और ट्रायल भी कर दिया है। इको फ्रेंडली नावों को लेकर लंबे समय से कसरत चल रही थी जो अब जाकर साकार रूप लेने जा रही है। इसके साथ नए करार वाली फर्म से नगर निगम की तिजोरी में राजस्व भी बढ़ेगा।

उदयपुर के मेयर जीएस टांक ने बताया कि पिछोला झील में चल रहे नाव संचालन के करार को आगे नहीं बढ़ाकर उसे समाप्त कर दिया है। टांक ने बताया कि पिछोला झील में नगर निगम की अनुज्ञा पर वर्तमान में 18 बोट संचालित की जा रही है। जिसकी निगम से करार अवधि बुधवार तक थी। मेयर टांक ने बताया कि राजस्थान उच्च न्यायालय ने निगम को पिछोला झील में सोलर/बैटरी संचालित नाव के संचालन का निर्देश जारी किया और उसी की पालना में करार को आगे नहीं बढ़ाने का निर्णय लिया। पिछोला से जलदाय विभाग प्रतिदिन 26 लाख लीटर पानी लिफ्ट करता है। यह पानी उदयपुर शहर के लोगों की प्यास बुझाता है।

पहले ही इस पर काम शुरू हो चुका

असल में नगर निगम ने पिछोला में नाव संचालन के नए टेंडर किए थे। इसी साल के फरवरी महीने में नगर निगम ने नई फर्म को नाव संचालन का कार्यादेश दे दिया था लेकिन फर्म की तैयारियां पूरी नहीं होने से एक बार उसका अनुबंध आगे बढ़ाया था जो 15 मई को समाप्त हो गया और निगम ने करार समाप्त भी कर दिया।

इलेक्ट्रिक बोट आ चुकी

असल में नई फर्म शिवा कॉर्पोरेशन के साथ नगर निगम का अनुबंध हुआ और उसने यहां पर अप्रेल महीने के आखिरी में तीन इलेक्ट्रिक बोट पिछोला झील में उतारी और ट्रायल किया था। मुंबई से बैटरी से चलने वाली बोट मंगवाई। जो तीन बोट आई उनमें से दो बोट 20—20 तथा एक बोट 30 की क्षमता की है। प्रत्येक नाव में चार बैटरी लगाई जाएगी और 30 की क्षमता वाली में पांच बैटरी लगाई।

निगम की तिजोरी में बढ़ेगी कमाई

वैसे भी स्थानीय निकायों में धन की कमी को लेकर पूरे प्रदेश में मंथन हो रहा है। सबसे ज्यादा मुसीबत निकायों की छोटी इकाई नगर पालिकाओं में हो रही है। वैसे भी उदयपुर नगर निगम को बोट संचालन से अच्छा रेवेन्यू मिलता है।
मेयर टांक के अनुसार पहले नगर निगम को पिछोला झील में नाव संचालन से 3 करोड़ 51 लाख रुपए का राजस्व प्रतिवर्ष प्राप्त हो रहा था। नई निविदा में राशि बढ़ कर 5 करोड़ 40 लाख रुपए हुई है, जिससे लगभग 2 करोड़ रुपए का अतिरिक्त राजस्व निगम को प्राप्त होगा। पिछोला झील में इन बोट में सैर करने के लिए पहले की तरह प्रति व्यक्ति 180 रुपए टिकट लगेगा। नगर निगम की गैरेज समिति के अध्यक्ष मनोहर चौधरी ने बताया कि 13 इलेक्ट्रिक नाव और तैयार होकर आएगी।