Udaipur महावीर मंदिर स्थापना रजत जयंती महोत्सव 4 से, तैयारियों को दिया अंतिम रूप

उदयपुर न्यूज़ डेस्क , उदयपुर नगर के दिगंबर जैन महावीर मंदिर का तीन दिवसीय प्रतिष्ठापना रजत जयंती महोत्सव 4 फरवरी से शुरू होगा। जिसे लेकर समाजजनों की ओर से तैयारियों को अंतिम रूप दिया जा रहा है। दिगंबर जैन आचार्य वर्धमान सागर महाराज एवं मुनि पुण्य सागर महाराज के सान्निध्य में आयोजक दशा नरसिंहपुरा दिगंबर जैन समाज के तत्वावधान में 4 से 6 फरवरी तक धार्मिक आयोजन होगा। समाज के दिनेश जैकनावत ने बताया कि महावीर मंदिर प्रतिष्ठापना के 25 वर्ष पूर्ण होने पर तीन दिवसीय आयोजन रजत जयंती महोत्सव मनाया जा रहा है। जिसके प्रथम दिन 4 फरवरी को सुबह देव गुरु आज्ञा, जिनेंद्र अभिषेक, नांदी विधान, सुबह 7.45 पर घट यात्रा जुलूस, सुबह 8.45 पर ध्वज वंदन, ध्वजारोहण, मंडप उद्घाटन, भूमि शुद्धि, मंगलाचरण चित्र अनावरण दोपहर 1 बजे सकलीकरण इंद्र प्रतिष्ठा, जाप आरम्भ, शाम 4 बजे आचार्य संघ प्रवचन, सायंकालीन 6.30 बजे श्रीजी आरती, रात्रि में भक्ति सांस्कृतिक आयोजन होंगे। दूसरे दिन 5 फरवरी को सुबह 8 बजे पात्रों की ओर से महा अभिषेक पूजन, महाशांतिधारा होगी। दोपहर को जंबूद्वीप महामंडल विधान का आयोजन होगा।
रात को श्रीजी आरती व सांस्कृतिक आयोजन होंगे। तीन दिवसीय समस्त आयोजन की धार्मिक क्रियाएं प्रतिष्ठाचार्य हसमुख जैन के निर्देशन में भागचंद शास्त्री, विशाल जैन एवं विधानाचार्य गजेंद्र पटवा की ओर से विधिपूर्वक संपादित की जाएंगी। मुख्य आयोजन 6 को सभागार का लोकार्पण सहित मुनिराज का महा पारणा होगा। जिसमें सुबह अभिषेक पूजन के बीच सुबह साढ़े सात बजे मंदिर शिखर पर ध्वजारोहण किया जाएगा। इसके अलावा 108 कलशों से तपस्वियों की परिक्रमा, सवा आठ बजे तपस्वी मुनिराज की ओर से आचार्य वर्धमान सागर एवं मुनि पुण्य सागर के पाद प्रक्षालन होंगे। बाद में आचार्य वर्धमान सागर, मुनि पुण्य सागर को शास्त्र भेंट, 9 बजे आचार्य वर्धमान सागर को नूतन पिच्छिका भेंट के मुख्य आयोजन के बीच सुबह 9.30 बजे नवनिर्मित मुनि पुण्य सागर सभागार भवन का लोकार्पण होगा। सुबह 10 बजे तपस्वी मुनिराज मुनि महोत्सव एवं धरियावद नगर गौरव उदित सागर का महापारणा भी होगा।
3 फरवरी को होगा सौधर्म इंद्र का सम्मान, शाम को मेहंदी
आयोजक दशा नरसिंहपुरा समाज के अनुसार आयोजन की पूर्व संध्या पर 3 फरवरी दोपहर 1 बजे समाजजन बैंड-बाजों के साथ सौधर्मइंद्र के निवास पर जाएंगे। बाद में वाटिका में सभी का सम्मान के बीच हल्दी की रस्म महावीर वाटिका में होगी। साथ ही चौबीसी गायन होगा।