Udaipur 3 माह भी नहीं टिक पाई संपर्क सड़क, ग्रामीणों ने जताया विरोध
उदयपुर न्यूज़ डेस्क, उपखंड मुख्यालय भींडर से बलीचा को जोड़ने वाली करोड़ों की लागत से बनी संपर्क सड़क तीन माह भी नहीं टिक पाई। ग्रामीणों ने बताया कि सार्वजनिक लोक निर्माण विभाग की ओर से बनाई गई सड़क भींडर से अकोला सुरखंड बलीचा के बीच कई जगह से टूट रही है। कई पुलिया के यहां सड़क जमीन में धंस रही है। बिखरी कंक्रीट से राहगीर गिरकर चोटिल हो रहे हैं। इसे लेकर ग्रामीणों ने रविवार को घटिया निर्माण कार्य, गुणवत्ता युक्त सामग्री उपयोग नहीं करने का आरोप लगाते हुए विरोध प्रदर्शन किया और पूरी सड़क की उच्च अधिकारियों से जांच की मांग की। ग्रामीणों ने सुरखंड गांव के पास एकत्र होकर पीडब्ल्यूडी के खिलाफ आक्रोश जताया। गांव के पूर्व वार्डपंच उदयलाल मीणा, ग्रामीण शंकर सिंह, उम्मेद सिंह, उदयसिंह, मेघसिंह, नाथू, रमेश, कालू, नारायण, राम सिंह, नानू सिंह, भजे सिंह, राम सिंह, गणेश सिंह, नारायण सिंह आदि ने विरोध प्रदर्शन किया।
पुलिया में हुआ बड़ा सुराख
पीडब्ल्यूडी विभाग के ठेकेदार द्वारा सुरखंड के पास बनाई गई पुलिया में अचानक एक गहरा सुराख हो गया है, जो इतना लंबा है कि पुलिया का घटिया कार्य साफ नजर आ रहा है। ग्रामीणों ने बताया कि पुलिया के अंदर पूरी तरह से खोखला है, जिससे कभी भी बड़ा हादसा हो सकता है। दो अन्य पुलिया बनाई, जो भी जमीन में धंसकर हिचकोले वाली सड़क के रूप में बना हुआ है। जिससे वाहन चालकों के खाई में गिरने का खतरा बना हुआ है।
सड़क से नहीं हटाए बिजली पोल
सड़क निर्माण से पूर्व सड़क के बीच आ रहे बिजली के पोल को हटाया जाना था, लेकिन सड़क पूर्ण होने तक इन बिजली पोल को नहीं हटाया गया है। जिससे बीते दिनों बाइक सवार दो लोग दुर्घटना का शिकार भी हो गए थे, रात के समय या बिजली के पोल नहीं दिखते और सड़क से गुजरने वाला वाहन चालक दुर्घटना का शिकार हो जाता है। जबकि पीडब्ल्यूडी व बिजली विभाग को जिम्मेदारीपूर्वक सड़क के बीच आ रहे बिजली पोल हटाने थे। ऐसे में पीडब्ल्यूडी के ठेकेदार ने भी सड़क का निर्माण पूर्ण करते हुए पोल के पास लाइनिंग कर दी, लेकिन बिजली पोल को हटाने की कार्रवाई नहीं हुई।
हाइट पर नहीं बन रही सुरखंड पुलिया, फिर होगी परेशानी: गोमती नदी पर सुरखंड के पास एक बड़ी पुलिया का निर्माण विभाग द्वारा करवाया जा रहा है। ग्रामीणों का आरोप है कि विभाग ने इसकी ऊंचाई भी कम ली है, जिससे गोमती नदी उफान पर रहने पर यह पुलिया नकारा ही साबित होगी। लोगों का कहना है कि पूर्व सड़क व पुलिया के बराबर बनाए जा रही पुलिया को ऊंचाई देनी थी, लेकिन विभाग ने रुपए बचाने के चक्कर में ऐसा नहीं किया। जिससे ग्रामीणों व राहगीरों की समस्या का निदान नहीं हो पाया।